हम तुम्हें गर्व महसूस कराएंगे... पति के शरीर से लिपटकर यूं बिलख पड़ीं नेवी अफसर विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी, पहलगाम में हुए थे शहीद...
kashmir pahalgam terror attack: पहलगाम हमले में शहीद नेवी अफसर विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने उन्हें आखिरी विदाई कुछ ऐसे दी कि एयरपोर्ट पर मौजूद हर कोई रो पड़ा.
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प्राउड ऑफ यू…मैं ईश्वर से करती हूं कि तुम्हारी आत्मा को शांति मिले. तुमने अपने जीवन के सबसे खूबसूरत पल जिए, और हम हर तरह से तुम्हें गर्व महसूस कराएंगे… पति की ताबूत से लिपटकर लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने ऐसी विदाई दी कि हर किसी का दिल दहल उठा.
ये शब्द सुनकर दिल्ली एयरपोर्ट पर मौजूद हर कोई रो पड़ा. जिसने भी यह वीडियो देखा, उसकी आंखें भर आईं. अभी सात दिन पहले ही तो शादी हुई थी, हाथ की मेहंदी भी नहीं छूटी थी, और अब ये दिन देखने पड़े.
इंडियन नेवी में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और हिमांशी की शादी 16 अप्रैल को हुई थी. दोनों ने अपने नए जीवन की शुरुआत को यादगार बनाने के लिए पहलगाम की खूबसूरत वादियों को चुना था. लेकिन क्या पता था कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला उनकी जिंदगी की सारी खुशियां छीन लेगा. बुधवार को जब विनय नरवाल का शव दिल्ली लाया गया तो परिवार के लोगों ने उन्हें आखिरी विदाई दी.
एकटक ताबूत निहार रही थीं हिमांशी
हिमांशी ताबूत के पास खड़ी थीं, एकटक उसे निहार रही थीं. उनके कांपते हाथ उस तिरंगे को छू रहे थे जो उनके पति के पार्थिव शरीर को ढके हुए था. मेज पर विनय की एक तस्वीर रखी थी, जिसमें वे अपनी नौसेना की वर्दी में गर्व से मुस्कुरा रहे थे. उनकी यह मुस्कान उस माहौल से बिल्कुल उलट थी, जहां हर तरफ मातम पसरा था.
हिमांशी ताबूत के पास खड़ी थीं, एकटक उसे निहार रही थीं. उनके कांपते हाथ उस तिरंगे को छू रहे थे जो उनके पति के पार्थिव शरीर को ढके हुए था. मेज पर विनय की एक तस्वीर रखी थी, जिसमें वे अपनी नौसेना की वर्दी में गर्व से मुस्कुरा रहे थे. उनकी यह मुस्कान उस माहौल से बिल्कुल उलट थी, जहां हर तरफ मातम पसरा था.
उनके आसपास नौसेना के अधिकारी अपनी सफेद वर्दी में खड़े थे, सिर झुकाए अपने साथी को श्रद्धांजलि दे रहे थे. कमरे में भारतीय नौसेना के प्रतीक चिह्न सजे थे, जो विनय के बलिदान और सम्मान की कहानी बयां कर रहे थे. हिमांशी का हाथ थामे परिवार के लोग उन्हें बार-बार ढांढस बंधा रहे थे, लेकिन खुद भी अपने आंसुओं को रोक नहीं पा रहे थे. उसकी आंखें भी आंसुओं से भरी थीं. आसपास खड़े अधिकारी भी अपने दुख को रोकने की कोशिश कर रहे थे.
परिवार और समुदाय की शान थे विनय
कुछ ही दिन पहले हिमांशी एक नई नवेली दुल्हन थी. उसकी आंखों में एक खूबसूरत भविष्य के सपने थे. शायद उसने और विनय ने मिलकर एक खुशहाल परिवार बसाने की कल्पना की होगी. एक ऐसा घर, जहां बच्चों की किलकारियां गूंजती हों, और शामें एक-दूसरे की बाहों में शांति से बीतती हों.
कुछ ही दिन पहले हिमांशी एक नई नवेली दुल्हन थी. उसकी आंखों में एक खूबसूरत भविष्य के सपने थे. शायद उसने और विनय ने मिलकर एक खुशहाल परिवार बसाने की कल्पना की होगी. एक ऐसा घर, जहां बच्चों की किलकारियां गूंजती हों, और शामें एक-दूसरे की बाहों में शांति से बीतती हों.
हरियाणा के करनाल में विनय अपने परिवार और समुदाय की शान थे. पड़ोसियों ने उन्हें एक होनहार युवा बताया, जिसके पास एक सुनहरा भविष्य था. देश की सेवा के लिए नौसेना में शामिल होने वाले विनय अपनी नई पत्नी के साथ पहलगाम आए थे, लेकिन एक पल में सब कुछ बदल गया.
Edited by k.s thakur...



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