Pahalgam Attack : जनरल जिया के रास्ते पर पाक आर्मी चीफ, आसिम मुनीर का काल बनेगा ऑपरेशन टोपैक 2.0...

Pahalgam Attack : जनरल जिया के रास्ते पर पाक आर्मी चीफ, आसिम मुनीर का काल बनेगा ऑपरेशन टोपैक 2.0...


Pahalgam Attack News : पहलगाम हमले के बाद देश में उबाल है. रक्षा मंत्री ने कहा कि हमलावरों का खात्मा होगा. पाकिस्तान ने हाथ होने से इनकार किया, लेकिन जनरल मुनीर और मलिक की साजिश जारी है. ऑपरेशन टोपैक पार्ट-2 शुरू.

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पुलवामा की तरह पहलगाम के बाद देश में उबाल है. हमारी सेना का खून खौल रहा है. निहत्थे निर्दोष 27 सैलानियों की विधवाएं चीत्कार कर इंसाफ मांग रही हैं. अमित शाह और राजनाथ सिंह से शुरुआती रुझान मिलने शुरू हो गए हैं. रक्षा मंत्री ने साफ किया है कि जिन कायरों ने ये बर्बरता की है उनका खात्मा होगा लेकिन जो पर्दे के पीछे से साजिश रच रहे हैं उनको भी नहीं छोड़ेंगे. 

काफी इंतजार के बाद पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकवादी हमले में अपना हाथ होने से साफ इनकार किया है. लेकिन पाक आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर और आईएसआई में उनके गुर्गे जनरल आसीम मलिक के इरादे कुछ और ही हैं. जनरल मुनीर ने तो हाल ही में इसे जगजाहिर भी किया है. जब अस्तित्व खतरे में हो तो जिन्ना को याद करते हैं. धर्म के आधार पर बंटे थे तो उसी के आधार पर नफरत फैला कर एकजुट रहना चाहते हैं. 

इसके लिए जरूरी है कि पाकिस्तानी जनरल भारत के खिलाफ साजिश रचते रहें. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. लेकिन पहलगाम में जो हुआ वो 1980 के दशक की याद दिलाता है जब जनरल जिया उल हक ने ऑपरेशन टोपैक चलाया था. हमारे सिर के ताज कश्मीर में आतंकवाद फैलाना इसका मकसद था. ठीक उसी पॉलिसी को जनरल आसिम मुनीर और जनरल असीम मलिक दोहराना चाहते हैं.

बेचैनी इसलिए है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर भारत के अभिन्न अंग के तौर पर शांति की राह पर है. कश्मीर में गुमराह होकर हथियार उठाने वाले घटने लगे हैं. तो जिन्ना के चेले गहरी चिंता में पड़ गए. इसलिए जिया-उल-हक का ऑपरेशन टोपैक पार्ट-2 शुरू कर दिया है. जिया ने आईएसआई से कहा था – मैं हजारों घावों से भारत में खून बहना चाहता हूं. जनरल मुनीर आजमा लें. अंजाम तो उड़ी और पुलवामा की हिमाकत वाला ही होगा. लेकिन जानते हैं कि ऑपरेश टोपैक था क्या.

कैसे शुरू हुआ?
1971 की जंग में पाकिस्तान की हार और बांग्लादेश के बनने के बाद पाकिस्तान भारत से बदला लेना चाहता था. 1980 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ जंग चल रही थी. पाकिस्तान ने अमेरिका और सऊदी अरब की मदद से अफगान मुजाहिदीन को प्रशिक्षण और हथियार दिए. जब यह जंग खत्म होने लगी, तो पाकिस्तान ने इन लड़ाकों को कश्मीर की ओर मोड़ दिया. 

1988 मेंजि जिया-उल-हक ने आईएसआई के रावलपिंडी मुख्यालय में एक बैठक की जहां ऑपरेशन टोपैक की रूपरेखा तैयार हुई. इसका मकसद था धर्म के आधार पर नफरत फैलाकर भारत को अशांत करना. इसके लिए हथियारबंद मुजाहिदीन आईएसआई की मदद से कश्मीर भेजने का फैसला लिया गया.

पहले चरण में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) और खैबर पख्तूनख्वा में मिलिटेंट ट्रेनिंग सेंटर्स बनाए गए. 1990 के बाद हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को बढ़ावा दिया गया. जनरल असीम मलिक यही काम द रजिस्टेंस फोर्स (TRF) को बढ़ावा देकर कर रहे हैं. 1987-89 के बीच लेफ्टिनेंट जनरल हामिद गुल ISI चीफ के तौर पर भारत के खिलाफ काफी एक्टिव रहा. 

स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (एसएसजी) के रिटायर्ड कमांडोज ने आतंकवादियों को हथियार चलाने, बम बनाने और घुसपैठ की ट्रेनिंग दी. खुद पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने 2010 में इस बात को स्वीकार किया था कि आईएसआई ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और जेकेएएलएफ के आतंकियों को ट्रेनिंग दी थी. कश्मीरी पंडितों पर हमले, संसद पर हमला और 2008 में मुंबई अटैक भी ऑपरेशन टोपैक का ही हिस्सा था.

मुंबई अटैक का डोजियर
हमने मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान को जो डोजियर्स दिए उसमें साफ तौर पर इस बात के सबूत हैं कि कैसे पाकिस्तानी आर्मी और इंटेलिजेंस एजेंसी के लोग इसमें शामिल हैं. आईएसआई अफसर मेजर इकबाल ने डेविड हेडली को रेकी के लिए पैसे दिए थे. उसी तहव्वुर राणा को मुंबई में सेट किया था. मेजर अब्दुल रहमान पाशा हमलों की साजिश रचने में शामिल था. 

उसी ने कसाब समेत दस हमलावरों को मिलिट्री ट्रिक्स बताए थे. कर्नल सादतउल्लाह ने आतंकियों और हैंडलर्स के बीच बातचीत के लिए उपकरण मुहैया कराए. मेजर साजिद मीर तो ट्रेनिंग से लेकर लॉजिस्टिक्स और को-ऑर्डिनेशन का काम संभाल रहा था. ये खुद कसाब और हेडली ने कबूला है.

अब कश्मीर को गर्दन की नस बताने वाले जनरल आसिम मुनीर और मलिक की जोड़ी जिया की साजिश दोहराना चाहती है. लेकिन हम अब सॉफ्ट स्टेट नहीं रहे और न ही इंटरनेशनल मंच पर कम्युनिकेशन वॉर में पीछे रहने वाले हैं. इसलिए कोई भी नापाक हरकत का माकूल जवाब दिया जाएगा. पहलगाम हमले का भी. वो वक्त हमारा होगा.





Edited by k.s thakur...




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