ईरान के सबसे बड़े बंदरगाह पर कयामत– छोटी सी आग की चिंगारी से तबाह हुआ सब कुछ, अब तक 40 की मौत...

ईरान के सबसे बड़े बंदरगाह पर कयामत– छोटी सी आग की चिंगारी से तबाह हुआ सब कुछ, अब तक 40 की मौत...


इंटरनेशनल डेस्कः  ईरान के होर्मोज़गान प्रांत के शाहिद रजाई बंदरगाह पर 26 अप्रैल 2025 को हुई भीषण विस्फोट ने व्यापक तबाही मचाई है। इस घटना में अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 800 से अधिक लोग घायल हुए हैं और 6 लोग लापता हैं। यह विस्फोट स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:05 बजे हुआ, जब एक कंटेनर में आग लगने के बाद यह फैलते हुए बड़े विस्फोट में तब्दील हो गया।​

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विस्फोट का कारण और संभावित रासायनिक सामग्री..

प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि विस्फोट रासायनिक पदार्थों के कारण हुआ। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, विस्फोट में अमोनियम पेरक्लोरेट नामक रासायनिक पदार्थ शामिल हो सकता है, जो मिसाइल ईंधन में उपयोग होता है। यह रासायनिक पदार्थ मार्च 2025 में चीन से आयात किया गया था और शाहिद रजाई बंदरगाह पर लाया गया था। 

हालांकि, ईरानी अधिकारियों ने इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेजा तलाई-निक ने कहा है कि विस्फोट वाले क्षेत्र में सैन्य उपयोग से संबंधित कोई आयातित या निर्यातित शिपमेंट नहीं था।

आपातकालीन प्रतिक्रिया और सरकारी कार्रवाई...
विस्फोट के बाद, इमरजेंसी सेवाओं ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया। हेलीकॉप्टरों के माध्यम से पानी की बौछार करके आग पर काबू पाया गया। बंदरगाह की सभी गतिविधियाँ अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गईं और आसपास के स्कूलों एवं कार्यालयों को बंद कर दिया गया। 

ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेझेश्कियन ने घटना स्थल का दौरा किया और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने तीन दिनों के सार्वजनिक शोक की घोषणा की और घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए।​

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया..
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस त्रासदी पर शोक व्यक्त करते हुए ईरान को आपातकालीन सहायता भेजी है, जिसमें विशेषज्ञ अग्निशामक और राहत सामग्री शामिल हैं। यह सहायता ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु वार्ता के बीच आई है, जो ओमान में चल रही है।​

आर्थिक और सामरिक प्रभाव...
शाहिद रजाई बंदरगाह ईरान का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बंदरगाह है, जो वार्षिक रूप से लगभग 80 मिलियन टन माल का आयात-निर्यात करता है। यह घटना ईरान की व्यापारिक गतिविधियों पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। हालांकि, प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, तेल रिफाइनरी और पाइपलाइनों की संरचना पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ा है।​

यह विस्फोट 2020 के बेरूत बंदरगाह विस्फोट की याद दिलाता है, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट के कारण हुई त्रासदी ने वैश्विक स्तर पर सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाए थे। ईरान में भी इस घटना के बाद रासायनिक पदार्थों की सुरक्षा और भंडारण मानकों पर पुनः विचार किए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।





Edited by k.s thakur...







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