Bengal SIR : सड़क पर गुस्सा, दफ्तर में गुहार: कोलकाता में CEC की कार को प्रदर्शनकारियों ने घेरा, DM से मुलाकात से पहले वाक्‍या...

Bengal SIR : सड़क पर गुस्सा, दफ्तर में गुहार: कोलकाता में CEC की कार को प्रदर्शनकारियों ने घेरा, DM से मुलाकात से पहले वाक्‍या...


Bengal SIR Controversy: एसआईआर विवाद ने कोलकाता में हालात बेहद तनावपूर्ण बना दिए हैं. सचिवालय के बाहर प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को CEO की कार रोकने की कोशिश की और पीछा भी किया. सुरक्षा बलों ने किसी तरह हालात संभाले। इसी बीच सात सदस्यीय BLO प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों का डिप्युटेशन सौंपने पहुंचा, जिससे माहौल और संवेदनशील हो गया।

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नई दिल्‍ली : एसआईआर विवाद के बीच शनिवार को कोलकाता में सचिवालय के बाहर माहौल अचानक उस वक्‍त गरमा गया जब प्रदर्शनकारियों ने मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) की कार को रोकने की कोशिश की. 

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प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक भीड़ ने पहले वाहन के आगे नारेबाजी की, फिर कार को घेरकर आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की. सुरक्षा कर्मियों ने किसी तरह भीड़ को नियंत्रित किया लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने गाड़ी का पीछा किया. इस घटना ने पूरे प्रशासनिक ढांचे को सतर्क कर दिया है.
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सड़क पर गुस्‍सा, दफ्तर में गुहार..
घटनाक्रम के समय CEO जिले के DM के साथ बैठक के लिए जा रहे थे. इस बीच BL O कर्मचारियों के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी दफ्तर में प्रवेश किया है, जो अपनी मांगें व शिकायतें दर्ज कराते हुए एक विस्तृत डिप्युटेशन सौंपने वाले हैं. यानी एक तरफ सड़क पर उबलता आक्रोश, दूसरी तरफ दफ़्तर के भीतर तेजी से चलती बातचीत, दोनों ने मिलकर माहौल को अत्यंत संवेदनशील बना दिया है.
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बीएलओ में बढ़ रही नाराजगी..
एसआईआर विवाद को लेकर BL O कर्मचारियों में लंबे समय से नाराजगी बढ़ रही थी. कार्यभार, सुरक्षा, डेटा-संग्रह और फील्ड वेरिफिकेशन जैसी प्रक्रियाओं में लगातार बढ़ते दबाव को लेकर कई बार असंतोष जताया गया, लेकिन हालिया आदेशों ने इस असंतोष को सड़क पर ला दिया है. 

प्रदर्शनकारियों का दावा है कि फील्ड ड्यूटी में सुरक्षा की गारंटी नहीं है और प्रशासन द्वारा मांगे जा रहे दस्तावेज व रिपोर्टिंग मानक उनके काम को और मुश्किल बना रहे हैं.

भरोसा का संकट..
शनिवार को हुए विरोध प्रदर्शन का स्वर अचानक आक्रामक हो जाना इस बात का संकेत है कि मुद्दा अब केवल प्रशासनिक नहीं रहा बल्कि BL O कर्मचारियों के बीच भरोसे का संकट भी पैदा हो गया है. CEO की कार को रोकने या उसका पीछा करने जैसी घटनाएं सामान्य विरोध से कहीं आगे जाती हैं. यह प्रशासनिक तंत्र और फील्ड-लेवल कर्मचारियों के बीच तनाव की गहराई को दिखाता है.

संवाद से सुलझेगा विवाद..
विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसी परिस्थितियों में संवाद ही विवाद सुलझाने का एकमात्र रास्ता है. CEO और DM के साथ हो रही बैठक इसलिए अहम है क्योंकि इससे BL O कर्मचारियों को अपनी बात सीधे शीर्ष स्तर तक पहुंचाने का मौका मिल रहा है. यदि मांगों और शिकायतों पर ठोस आश्वासन मिलता है, तो आगामी दिनों में स्थिति को काफी हद तक शांत किया जा सकता है.






Edited by k.s thakur...

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