अग्नि-6 ICBM की तैयारी! 3550 किलोमीटर तक नो फ्लाई जोन, अमेरिका-चीन की बढ़ी बेचैनी...

अग्नि-6 ICBM की तैयारी! 3550 किलोमीटर तक नो फ्लाई जोन, अमेरिका-चीन की बढ़ी बेचैनी...


NOTAM Begin Today: भारत ने बंगाल की खाड़ी में NOTAM घोषित किया है. इसका मतलब यह हुआ कि संबंधित क्षेत्र नो फ्लाई जोन हो गया है, जिससे एयरक्राफ्ट और पोत बंगाल की खाड़ी के इस जोन से नहीं गुजर सकते हैं.

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देश और दुनिया के सामरिक हालात लगातार बदल रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की रक्षा गतिविधियां भी तेज हो गई हैं. 5th जेनरेशन फाइटर जेट से लेकर एयर डिफेंस सिस्‍टम और अल्‍ट्रा मॉडर्न मिसाइल डेवलप करने की प्रकिया को रफ्तार दे दिया गया है.

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DRDO से लेकर HAL तक के साइंटिस्‍ट और इंजीनियर्स विभिन्‍न प्रोजेक्‍ट्स को समय पर अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं. तेजस MK-1A फाइटर जेट को जल्‍द ही एयरफोर्स को सौंपा जाना है. भारत के वैज्ञानिक एक और सेक्‍टर में तेजी से काम कर रहे हैं –मिसाइल प्रोडक्‍शन. 

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भारत ने बंगाल की खाड़ी में 3550 KM का NOTAM (Notice to Airmen) घोषित किया गया है. इसका मतलब यह हुआ कि यह पूरा इलाका नो फ्लाई जोन हो गया है. इस तरह इस क्षेत्र से एयरक्राफ्ट और शिप यानी पोत का जाना प्रतिबंधित हो गय है. भारत का NOTAM बुधवार 15 अक्‍टूबर 2025 से लागू हो गया है, जो 17 अक्‍टूबर तक जारी रहेगा. 

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3550 किलोमीटर की दूरी को देखते हुए डिफेंस एक्‍सपर्ट ICBM (इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल) के परीक्षण की संभावना जता रहे हैं. कुछ एक्‍सपर्ट इसे अग्नि-6 की टेस्टिंग से भी जोड़ रहे हैं. बता दें कि अग्नि-5 का रेंज 5000 किलोमीटर से ज्‍यादा है, ऐसे में अग्नि-6 की मारक क्षमता और भी ज्‍यादा हो सकती है.

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भारत अगले कुछ दिनों में अपने सामरिक क्षमता (strategic deterrence) को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला है. देश 15 से 17 अक्टूबर के बीच बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) के ऊपर एक लंबी दूरी की मिसाइल का परीक्षण करने की तैयारी में है. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह परीक्षण भारत की लंबी दूरी की मारक क्षमता को प्रदर्शित करने वाला एक अहम कदम साबित हो सकता है. 

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सरकार ने हाल ही में एक नया नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) और समुद्री चेतावनी जारी की है,जिसमें 3,550 किलोमीटर तक फैले एक व्यापक डेंजर जोन को माक किया गया है. इस क्षेत्र का दायरा इस बात का स्पष्ट संकेत है कि टेस्टिंग में किसी शक्तिशाली और लंबी दूरी की मिसाइल को शामिल किया जा सकता है. दिलचस्प बात यह है कि पिछले 72 घंटों में इस NOTAM जोन को तीन बार संशोधित किया गया. 

पहले 6 अक्टूबर को यह 1,480 किलोमीटर था, फिर अगले दिन इसे 2,520 किलोमीटर तक बढ़ाया गया और अब यह 3,550 किलोमीटर तक पहुंच गया है. इतनी तेजी से बढ़ती रेंज यह दर्शाती है कि यह परीक्षण किसी ऐसी प्रणाली से जुड़ा हो सकता है जो मध्यम दूरी (medium-range) से कहीं आगे की क्षमता रखती है.

अग्नि-6 की तैयारी?


हालांकि, सरकार ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि कौन-सी मिसाइल का परीक्षण होगा, लेकिन डिफेंस एक्‍सपर्ट का मानना है कि यह अग्नि सीरीज की मिसाइल हो सकती है. यह भारत की मुख्य परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों की श्रृंखला है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है. 

अग्नि मिसाइल फैमिली में वर्तमान में 700 किलोमीटर रेंज वाली अग्नि-I से लेकर 5,000 किलोमीटर से अधिक रेंज वाली अग्नि-V तक की मिसाइल्‍स शामिल हैं. विश्लेषकों का कहना है कि मौजूदा NOTAM की दूरी के आधार पर यह परीक्षण या तो अग्नि-V के उन्नत संस्करण का हो सकता है या फिर अग्नि-VI के विकासात्मक चरण का, जिस पर लंबे समय से शोध और डिजाइन कार्य चल रहा है. 

सूत्रों के अनुसार, अग्नि-VI में मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक, बेहतर ठोस ईंधन प्रणोदन (solid-fuel propulsion) और अधिक दूरी की क्षमता शामिल होगी. यह मिसाइल भारत को एशिया के अधिकांश हिस्से और उससे आगे तक सामरिक पहुंच (Stratjic Access) प्रदान कर सकती है.

सितंबर में अग्नि-प्राइम की टेस्टिंग..


भारत ने हाल ही में 25 सितंबर 2025 को अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. 2,000 किलोमीटर रेंज की यह दो-चरणीय मिसाइल पुरानी अग्नि-I सीरीज को बदलने के लिए विकसित की जा रही है. इस ताज़ा परीक्षण की तैयारी यह संकेत देती है कि भारत अपने सिस्‍टम को तेजी से अपग्रेड कर रहा है. 

बंगाल की खाड़ी और भारत के पूर्वी समुद्री तट के आसपास NOTAM और समुद्री चेतावनी क्षेत्र का निर्धारण इस बात का प्रमाण है कि मिसाइल को पूर्व दिशा में दागा जाएगा, जो भारत के रणनीतिक परीक्षणों के लिए सामान्य दिशा है. ओडिशा के तट पर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से प्रक्षेपण की संभावना है, जबकि लक्ष्य क्षेत्र गहरे समुद्र में होगा.

अमेरिका-चीन की बेचैनी..


इस बीच, भारतीय महासागर क्षेत्र में निगरानी गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार, चीन का ट्रैकिंग पोत युआन वांग-5 (Yuan Wang 5), जो उन्नत रडार और टेलीमेट्री उपकरणों से लैस है, मलेशिया के पोर्ट क्लांग से रवाना होकर हिन्‍द महासागर की ओर बढ़ रहा है. 

माना जा रहा है कि यह जहाज संभावित रूप से भारतीय मिसाइल परीक्षण की निगरानी करेगा. इसी दौरान, अमेरिका का ओशन टाइटन (Ocean Titan) नामक ट्रैकिंग जहाज भारत के पश्चिमी तट के पास ऑपरेट हो रहा है, जो डेटा कलेक्‍शन अभियानों में लगा हुआ है. ऐसी अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों से यह स्‍पष्‍ट होता है कि ग्‍लोबल पावर्स भारत के सामरिक विकास पर बारीकी से नजर रख रही हैं.






Edited by k.s thakur...

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