Mahi Nuclear Power Plant : PM नरेन्द्र मोदी करेंगे शिलान्यास, 42 हजार करोड़ की आएगी लागत, जानें खासियत...

Mahi Nuclear Power Plant : PM नरेन्द्र मोदी करेंगे शिलान्यास, 42 हजार करोड़ की आएगी लागत, जानें खासियत...


Banswara Mahi Nuclear Power Plant : राजस्थान में अब तक का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर प्लांट बांसवाड़ा में बनने जा रहा है. नवरात्रि के दौरान आगामी 25 सितंबर को पीएम नरेन्द्र मोदी इसका शिलान्यास करेंगे. 

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यह प्रोजेक्ट राजस्थान की 20 फीसदी बिजली की आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम होगा. जानें क्या है इस प्रोजेक्ट की खासियत.

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बांसवाड़ा. पीएम नरेन्द्र मोदी आगामी 25 सितंबर को राजस्थान के बांसवाड़ा आएंगे. यहां वे करीब 42 हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रहे माही न्यूक्लियर पावर प्लांट का शिलान्यास करेंगे. इसके साथ ही आमसभा को भी संबोधित करेंगे. 

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चूंकि यह कार्यक्रम नवरात्रि में हो रहा है. लिहाजा बताया जा रहा है कि इस दौरान पीएम मोदी आदिवासी अंचल के प्रसिद्ध शक्ति धाम मां त्रिपुरा के दर्शन करने भी जा सकते हैं. पीएम के दौरे को लेकर सीएम भजनलाल शर्मा ने आलाधिकारियों के साथ बैठक की तैयारियों की समीक्षा की है. 
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वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बांसवाड़ा में जाकर कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया है.राजस्थान का जनजाति बहुल बांसवाड़ा जिले की पहचान अब एक बड़े ऊर्जा केंद्र के रूप में बनने जा रही है. माही नदी के तट पर बन रहा माही-बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु बिजलीघर राजस्थान का अब तक का सबसे बड़ा परमाणु बिजलीघर होगा. 
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यह परियोजना न केवल जिले बल्कि पूरे प्रदेश और देश के ऊर्जा भविष्य को नई दिशा देगी. प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रसंजीत पाल ने बताया कि यह देश का 27वां और सबसे सुरक्षित नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र होगा. 
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भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम की ओर से एडवांस तकनीक और सुरक्षित डिजाइन के आधार पर इसका निर्माण किया जा रहा है. बांसवाड़ा परियोजना से राजस्थान की 20 फीसदी बिजली की आवश्यकता पूरी होगी.

परियोजना की ये हैं मुख्य विशेषताएं..

कुल क्षमता – 2800 मेगावाट (700-700 मेगावाट क्षमता वाले 4 रिएक्टर)
अनुमानित लागत – लगभग 42 हजार करोड़ रुपये.
क्षेत्रफल – 623 हैक्टेयर भूमि पर इसका निर्माण होगा.
पानी का उपयोग – परियोजना के लिए 4 से 5 टीएमसी पानी आरक्षित किया गया है.
रोजगार सृजन – परियोजना से लगभग 5 से 20 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.

प्रोजेक्ट की यह रहेगी समय सीमा..

पहली यूनिट : साल 2031 अंत तक तैयार होगी.
दूसरी यूनिट : 06 माह के अंतराल में तैयार होगी.
तीसरी यूनिट : 11 महीने बाद अस्तित्व में आएगी.
चौथी यूनिट : 2033 तक पूरी हो जाएगी. परियोजना को पूरा होने में लगभग 8 साल में लगेंगे.

सुरक्षा और मजबूती..

रिएक्टर बिल्डिंग में दोहरी दीवार बनेगी. इनके बीच 1 मीटर का गैप होगा ताकि दबाव को नियंत्रित किया जा सके.
किसी भी आपात स्थिति में 3 मिनट के भीतर इमरजेंसी पावर सप्लाई ऑटोमैटिक शुरू हो जाएगी.
निर्माण में 24 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट और 10 हजार मैट्रिक टन स्टील का उपयोग होगा.

प्रोजेक्ट के तहत ये भी कार्य हो रहे हैं..

आवासीय कॉलोनी और चारदीवारी का कार्य पूरा हो चुका है.
बांसवाड़ा-रतलाम नेशनल हाइवे फोरलेन को भी मंजूरी मिल सकती है.
रतलाम-बांसवाड़ा डूंगरपुर रेल परियोजना को भी न्यूक्लियर पावर के साथ गति मिलेगी.
ग्राउंड बैंक का काम पिछले वर्ष से चल रहा है.

प्लांट जनजाति क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक सौगात है..

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि 42 हजार करोड़ की लागत से बन रहा माही न्यूक्लियर पावर प्लांट जनजाति क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक सौगात है. इस परियोजना से न केवल ऊर्जा जरूरतें पूरी होंगी बल्कि रेलवे प्रोजेक्ट को भी नई गति मिलेगी. उन्होंने विश्वास जताया कि पीएम मोदी का दौरा जनजातीय अंचल के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.






Edited by k.s thakur...

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