CG news : छत्तीसगढ़ के नारायणपुर मुठभेड़ में 3 करोड़ 60 लाख के इनामी थे मारे गए दो केंद्रीय कमेटी के माओवादी...
आईजी ने माओवादी कैडरों और उनके नेतृत्व से अपील की है कि वे यह स्वीकार करें कि माओवादी आंदोलन अब अपने अंत की ओर है। यह समय है कि वे हिंसा का मार्ग त्यागकर मुख्यधारा में लौटें और सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत सुरक्षा और लाभ प्राप्त करें।
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नारायणपुर। सीपीआई माओवादी पार्टी यानी माओवादी संगठन की टॉप लीडरशिप में से आधे नेताओं को फोर्स ने खत्म कर दिया है। बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने दो केंद्रीय कमेटी (सीसी) सदस्यों के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद नारायणपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस बात का खुलासा किया है।
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सोमवार को मारे गए राजू दादा और कोसा दादा पर अलग-अलग राज्यों में मिलाकर हर एक पर एक करोड़ 80 लाख का इनाम घोषित है।बस्तर आईजी ने कहा, 'माओवादी पार्टी में 19 केंद्रीय कमेटी सदस्य थे।
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इनमें से महासचिव बसवराजू सहित 9 सदस्यों को फोर्स ने मार गिराया है। वहीं, एक माओवादी लीडर सुजाता ने सरेंडर कर दिया है। इससे 10 लीडर खत्म हो गए हैं।'
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आईजी ने बताया कि सोमवार नारायणपुर और महाराष्ट्र के सीमावर्ती एरिया में हुई मुठभेड़ में मारे गए दो माओवादी राजू दादा और कोसा दादा सीसी मेंबर थे। इन दोनों को मिलाकर अब तक 9 सीसी मेंबर मारे जा चुके हैं। इसके साथ ही आईजी ने ऐलान किया कि जल्द ही माओवादी संगठन को पूरी तरीके से खत्म कर दिया जाएगा।
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उन्होंने बताया कि अब बस्तर में छोटे माओवादी कैडर इनके आंध्र के बड़े माओवादी नेताओं के ढाल नहीं बन रहे हैं। वे मुठभेड़ में बड़े नेताओं को छोड़ भाग जा रहे हैं। वे अपील भी कर रहे हैं कि माओवादी संगठन को छोड़ मुख्यधारा में जुड़ें।
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पी सुंदरराज ने उदाहरण देते हुए बताया कि माओवादियों के सेंट्रल कमिटी महासचिव के मुठभेड़ के समय भी स्थानीय जनमिलिशिया सदस्य और स्थानीय माओवादियों ने टॉप लीडरों का साथ नहीं दिया।
इसी तरह कल के मुठभेड़ में भी टॉप लीडर्स को स्थानीय माओवादियों का साथ नहीं मिला। यही वजह है कि मुठभेड़ में मारे जाने के बाद सीसी मेंबर्स का शव आसानी से रिकवर हो जाता है।
आईजी ने बताया कि इन दोनों माओवादियों पर बस्तर संभाग में सैकड़ों सुरक्षा बलों के जवानों और आम जनता की हत्या के मामले दर्ज हैं। आईजी सुंदरराज ने कहा कि प्रतिबंधित माओवादी संगठन के खिलाफ चलाए जा रहे निर्णायक अभियानों से संगठन को बड़ी चोट पहुंची है।
कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बावजूद बस्तर में तैनात पुलिस और सुरक्षा बल बस्तर की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ सेवा कर रहे हैं।
Edited by k.s thakur...








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