अमित शाह ने जोधपुर में दिव्यांग बच्चों के लिए नए महाविद्यालय और हॉस्टल का किया शिलान्यास...

अमित शाह ने जोधपुर में दिव्यांग बच्चों के लिए नए महाविद्यालय और हॉस्टल का किया शिलान्यास...


केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जोधपुर में श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय के नए महाविद्यालय भवन, बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास किया. 

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उन्होंने दिव्यांग बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और समाज में उनके सम्मान को बढ़ाने पर जोर दिया. इस अवसर पर महाविद्यालय की संस्थापक श्रीमती सुशीला बोहरा की जीवनी का ब्रेल संस्करण भी जारी किया गया.

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जोधपुर. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जोधपुर में श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय के नए महाविद्यालय भवन, बॉयज हॉस्टल और गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जब लोग दिव्यांगों के लिए सेवा करते हैं, तो समाज में दूसरों को भी प्रेरणा मिलती है.

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शाह ने महाविद्यालय की लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत वाली तीन नवीन इमारतों के निर्माण का स्वागत करते हुए कहा कि इससे दिव्यांग बच्चों के जीवन में उम्मीद की किरण फैलेगी. 
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उन्होंने श्रीमती सुशीला बोहरा द्वारा 5 विद्यालय, 2 महाविद्यालय और निःशुल्क शिक्षा, छात्रावास, भोजन और विशेष साधनों के माध्यम से दृष्टिबाधित बच्चों को शिक्षित करने के कार्य की सराहना की.
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10 साल में 31 लाख लोगों को कृत्रिम अंग उपलब्ध कराए..

गृह मंत्री शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में “विकलांग” शब्द की जगह “दिव्यांग” शब्द को अपनाया, जिससे समाज में दिव्यांगजनों के प्रति नजरिया बदला. उन्होंने कहा कि दिव्यांग लोग डॉक्टर, अधिकारी, खेल खिलाड़ी और उद्यमी बन सकते हैं, बस उन्हें उचित मंच और सहयोग की आवश्यकता होती है. उन्होंने पैरालंपिक खेलों में भारत की सफलता का भी जिक्र किया.
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पिछले तीन पैरालंपिक खेलों में भारत ने 52 पदक जीते हैं, जबकि 1960 से 2012 तक केवल 8 पदक मिले थे. उन्होंने दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंगों और सहूलियतों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 10 साल में 31 लाख लोगों को कृत्रिम अंग उपलब्ध कराए गए.

4,626 दिव्यांग बच्चों को शिक्षा और सम्मानजनक स्थान दिलाया..

इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री अमित शाह के कई निर्णय स्वर्ण अक्षरों में अंकित हैं. उन्होंने महाविद्यालय के नए भवनों को दिव्यांग बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव बताया. उन्होंने बताया कि संस्थान ने अब तक 4,626 दिव्यांग बच्चों को शिक्षा और सम्मानजनक स्थान दिलाया है. केंद्र और राज्य सरकार दोनों दिव्यांगजनों के जीवन को सरल, स्वाभिमानी और सम्मानजनक बनाने के लिए प्रयासरत हैं.

इस दौरान संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी नए भवनों के महत्व पर जोर दिया. कार्यक्रम में न्यायाधीश संदीप मेहता, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत, उद्योग मंत्री के.के. विश्नोई, सुशीला बोहरा और अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे. इस अवसर पर सुशीला बोहरा की जीवनी “मैं न थकी न हारी” का ब्रेल संस्करण भी जारी किया गया.







Edited by k.s thakur...

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