'5189 वीजा मिले, तो 16000 अमेरिकियों को नौकरी से निकाला', H-1B Visa के फैसले पर US ने दी सफाई...

'5189 वीजा मिले, तो 16000 अमेरिकियों को नौकरी से निकाला', H-1B Visa के फैसले पर US ने दी सफाई...


अमेरिका में H1-B वीजा को लेकर हलचल है। व्हाइट हाउस के अनुसार कुछ अमेरिकी कंपनियां कम सैलरी पर विदेशियों को काम देकर अमेरिकियों को निकाल रही हैं। 

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2023 में आईटी क्षेत्र में H1-B वीजा की मांग 32% से बढ़कर 65% हो गई जिससे अमेरिकी युवाओं में बेरोजगारी बढ़ रही है। STEM क्षेत्रों में विदेशियों की संख्या दोगुनी हो गई है।

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वाशिंगटन। अमेरिका के H1-B वीजा को लेकर पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है। सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिर डोनाल्ड ट्रंप ने रातों रात H1-B वीजा की फीस क्यों बढ़ा दी? इसके जवाब में व्हाइट हाउस ने एक फैक्ट शीट जारी की है।

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व्हाइट हाउस की इस फैक्ट शीट के अनुसार, कई अमेरिकी कंपनियां H1-B वीजा के जरिए अन्य देशों से आए लोगों को कम सैलरी में काम देती हैं और भारी संख्या में अमेरिकियों को नौकरी से निकाल देती हैं।

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फैक्ट शीट में क्या-क्या?


व्हाइट हाउस का कहना है, 2023 में आईटी के क्षेत्र में H1-B वीजा की मांग 32 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 65 प्रतिशत हो गई है। इससे पता चलता है कि H1-B वीजा के कारण अमेरिकी युवाओं में बेरोजगारी बढ़ रही है।
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व्हाइट हाउस की फैक्ट शीट के अनुसार,

हाल ही में कंप्यूटर साइंस से स्नातक करने वाले 6.1 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं और कंप्यूटर इंजीनियरिंग करने वाले 7.5 प्रतिशत युवाओं के पास नौकरी नहीं है। इतिहास समेत अन्य विषयों में यह आंकड़े और भी अधिक हैं।
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अमेरिकी युवाओं की नौकरी जाने का दावा..


व्हाइट हाउस की फैक्ट शीट में दावा किया गया है कि STEM ((Science, Technology, Engineering, and Mathematics) क्षेत्रों में सिर्फ 44.5 प्रतिशत नौकरियां ही बढ़ी हैं। हालांकि, 2000-2019 के बीच में STEM क्षेत्र में विदेश से आने वाले कर्मचारियों की संख्या दोगुनी हो गई है।

व्हाइट हाउस ने अपनी फैक्ट शीट में कुछ कंपनियों का ब्यौरा भी पेश किया है।

कंपनी
साल
H1-B वीजा धारकों को नौकरी दी
अमेरिकियों को नौकरी से निकाला
कंपनी 1FY 20255,18916,000
कंपनी 2FY 20251,6982,400
कंपनी 3FY 202225,07527,000
कंपनी 4FY 20251,11371,000

अमेरिका फर्स्ट..


व्हाइट हाउस का कहना है कि अमेरिका फर्स्ट की नीति के तहत यह कदम उठाया गया है। अमेरिकी सरकार चाहती है कि कंपनियां अमेरिकी युवाओं को पहली प्राथमिकता दें।

बता दें कि अमेरिका में H1-B वीजा का 70 प्रतिशत से ज्यादा लाभ भारतीयों को होता था। वहीं, अब H1-B वीजा हासिल करने के लिए 1,00,000 डॉलर ( लगभग 90 लाख रुपये) की फीस चुकानी होगी। यह आदेश रविवार रात 12 बजे से ही लागू हो गया है।






Edited by k.s thakur...

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