नोएडा की वो जगह जहां 2800°C भट्ठियों में तपकर बनते हैं भारत के ब्रह्मास्त्र, राजनाथ ने वहीं से पाक को ललकारा...

नोएडा की वो जगह जहां 2800°C भट्ठियों में तपकर बनते हैं भारत के ब्रह्मास्त्र, राजनाथ ने वहीं से पाक को ललकारा...


New delhi : राजनाथ सिंह ने नोएडा संयंत्र का निरीक्षण किया जहां 2800°C तापमान सहने वाली भट्टियों में भारत के ब्रह्मास्त्र यानी अत्याधुनिक हथियार, ड्रोन और मिसाइलें बन रही हैं. यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम. रक्षा मंत्री ने फैक्‍ट्री से पाकिस्‍तान को उसके किए की याद दिलाई.

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नई दिल्‍ली. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने मई के महीने में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्‍तान को उसके आतंकी मनसूबों के लिए कड़ा दंड दिया था. ब्रह्मोस और किलर ड्रोन के अटैक से पड़ोसी मुल्‍क थर-थर कांपा था. 

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह न आज नोएडा में उस फैक्‍ट्री का दौरा किया जहां ये आधुनिक हथियार बनते हैं. यह दौरा केवल एक फैक्ट्री विजिट भर नहीं था बल्कि भारत की आत्मनिर्भर रक्षा ताकत की झलक भी थी.

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उन्होंने यहां जिस संयंत्र का निरीक्षण किया वहां की भट्टियां 2800 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सहन कर सकती हैं. यही वे जगह है जहां भारत के भविष्य के ब्रह्मास्त्र के अलावा अत्याधुनिक हथियार, ड्रोन और मिसाइलें तैयार हो रही है.

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राजनाथ सिंह ने खुद देखा कि कैसे इस संयंत्र में इंजन परीक्षण केंद्र, धातु योजक मैन्‍युफैक्‍चरिंग, उन्नत समग्र पॉलिमर केंद्र और प्रिसीजन गाइडेड मिसाइल ड्रोन जैसी तकनीकें एक साथ विकसित की जा रही हैं. 

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उन्होंने कहा कि यह सारे उपकरण न केवल अत्याधुनिक हैं बल्कि विश्वस्तरीय मानकों पर खरे उतरते हैं. यहां पेलोड ड्रॉप ड्रोन्‍स से लेकर स्‍वार्म ड्रोन तक पर काम हो रहा है जो भविष्य की लड़ाइयों का चेहरा बदल सकते हैं.

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आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम..

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत का उद्देश्य हमेशा सभी को साथ लेकर चलने और साझा विकास को बढ़ावा देने का रहा है. लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी स्‍पष्‍ट किया कि भारत को अपने हित सुरक्षित रखने और वैश्विक स्तर पर योगदान देने के लिए तकनीक और इनोवेशन के क्षेत्र में और सक्रिय होना होगा. नोएडा का यह केंद्र उसी दिशा में भारत की मजबूत भागीदारी का प्रतीक है.

संकल्प, साहस और विज्ञान..
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए कहा कि जब संकल्प, साहस और विज्ञान एक साथ मिलते हैं तो असंभव भी संभव हो जाता है. इसी सोच के साथ भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता में इजाफा किया जा रहा है. 

उन्होंने स्पष्ट किया कि यहां जो तकनीक विकसित हो रही है, वह न केवल सेना की ताकत बढ़ाएगी, बल्कि भारत को रक्षा निर्यातक राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में भी मददगार होगी.

भविष्य की राह..

नोएडा का यह केंद्र भारत की उस नई सोच का प्रतीक है, जहां परंपरागत हथियार निर्माण से आगे बढ़कर अत्याधुनिक तकनीक और स्मार्ट युद्ध प्रणालियां विकसित की जा रही हैं. 2800°C तक तपकर निकलने वाली धातु और उससे तैयार हथियार, भारत की सामरिक ताकत को अगले स्तर तक पहुंचाने वाले हैं.





Edited by k.s thakur...

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