ऑपरेशन सिंदूर में हवा में खाक हो गए पाक के 5 फाइटर जेट, इंडियन एयरफोर्स को राज खोलने में क्यों लग गए 90 दिन?

ऑपरेशन सिंदूर में हवा में खाक हो गए पाक के 5 फाइटर जेट, इंडियन एयरफोर्स को राज खोलने में क्यों लग गए 90 दिन?


Operation Sindoor Exclusive: ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 5 लड़ाकू विमान और एक इंटेलिजेंस विमान गिराए. 90 दिन बाद एयर चीफ ने इस सफलता की आधिकारिक पुष्टि की. सवाल है कि इसकी पुष्टि करने में 90 दिन क्यों लगे, आइए जानते हैं.

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भारत ने पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूरचलाया था. इससे पाकिस्तान बौखला गया और भारत पर हमला करने लगा. इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को खूब मजा चखाया. इस दौरान भारत ने पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार करते हुए उसके छह विमान मार गिराए थे. 

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मारे गए जेट में 5 पाकिस्तानी लड़ाकू विमान शामिल थे. एक इंटेलिजेंस कलेक्ट करने वाला विमान भी भारत ने मार गिराया था. इसकी पुष्टि शनिवार को हुआ. शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बेंगलुरु में आयोजित एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे व्याख्यान में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इसका खुलासा किया. 

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अब जब खुलासा हो गया है तो सवाल उठता है कि आखिर इंडियन एयरफोर्स को इस राज से पर्दा उठाने में 90 दिन क्यों लग गए. NEWS18 ने इस सवाल के जवाब को ढूंढने की कोशिश की.

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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा अब आधिकारिक रूप से पुष्ट हो चुका है. एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने शनिवार को बयान देकर कहा कि वायुसेना की इस सफलता की पुष्टि तीन महीने की गहन तकनीकी जांच के बाद हुई है. लेकिन आखिरकार यह लंबा इंतजार क्यों?

तीन महीने की मल्टी-लेयर जांच..
CNN-News18 ने सबसे पहले नूर खान एयरबेस पर भारतीय हमले के बाद हुए नुकसान की खबर दी थी, जिसे शीर्ष खुफिया सूत्रों ने पुष्टि की. हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने मल्टी-लेयर वेरिफिकेशन प्रोसेस अपनाया. 

इसमें रडार डेटा, AWACS इनपुट, वायुसेना ग्राउंड स्टेशन की रिपोर्ट, तकनीकी इंटरसेप्ट और सैटेलाइट इमेजरी का गहन विश्लेषण शामिल था. हर फाइटर जेट का एक यूनिक रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर होता है. इससे ‘बियॉन्ड विजुअल रेंज’ में भी टारगेट की पहचान संभव होती है.

पाकिस्तानी चालें भी नाकाम..
पाकिस्तानी वायुसेना ने टेरेन मास्किंग और इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर्स से पहचान छिपाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय रडार और पैसिव सेंसर ने लगातार उन्हें ट्रैक किया. 2019 में बालाकोट हमले के बाद एफ-16 गिराने की पुष्टि अमराम (AMRAAM) मिसाइल के मलबे से हुई थी, और इस बार भी इंटेलिजेंस इनपुट्स ने पांच पाक विमानों के नुकसान की पुष्टि की.

‘पहले जांच, फिर ऐलान’ की भारतीय नीति..
भारत हमेशा ऑपरेशनल किल डिटेल्स तभी सार्वजनिक करता है जब पूरी इंटेलिजेंस साइकिल पूरी हो जाए, ताकि सोर्स और तरीके सुरक्षित रहें. यही वजह है कि ऑपरेशन सिंदूर में हुई इस सफलता का ऐलान करने में 90 दिन लगे.

पाकिस्तानी इतिहास में ‘छुपाने की परंपरा’..
पाकिस्तान का सैन्य नुकसान छुपाने का इतिहास पुराना है. साल 1971 के वायु युद्ध से लेकर कारगिल और 2019 के एफ-16 तक. इस बार भी नूर खान एयरबेस पर हमले के बाद सैटेलाइट तस्वीरों और इंटरसेप्टेड कम्युनिकेशन से वहां असामान्य गतिविधियां, सैनिकों की आवाजाही और बेस पर प्रतिबंधित पहुंच की जानकारी मिली.






Edited by k.s thakur...

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