भारत का समुद्री ब्रह्मास्त्र लॉन्च! INS अजय की दहाड़ से कांपा हिंद महासागर, चीन-पाकिस्तान की बढ़ी चिंता...
New delhi: भारतीय नौसेना की ताकत में एक और घातक हथियार जुड़ गया है। भारत का नया पनडुब्बी रोधी युद्धपोत 'अजय' सोमवार को कोलकाता में लॉन्च किया गया। यह जहाज Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft (ASW SWC) प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया आठवां युद्धपोत है, जिसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बनाया है।
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लॉन्चिंग में शामिल रहे नौसेना अधिकारी..
'अजय' की लॉन्चिंग के मौके पर भारतीय नौसेना के चीफ ऑफ मटेरियल वाइस एडमिरल किरण देशमुख और उनकी पत्नी प्रिया देशमुख मौजूद रहीं। एडमिरल देशमुख ने इसे 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
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हिंद महासागर में चीन लगातार अपने युद्धपोत और परमाणु पनडुब्बियां भेजकर दबदबा बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। वहीं, पाकिस्तान भी कराची से ग्वादर पोर्ट तक अपनी नौसेना को आधुनिक बना रहा है। ऐसे माहौल में 'अजय' जैसा जहाज भारतीय समुद्री सीमाओं की रक्षा और पनडुब्बियों की ट्रैकिंग में बेहद अहम साबित होगा।
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'अजय' को खास तौर पर शैलो वॉटर (कम गहराई वाले समुद्र क्षेत्र) में पनडुब्बी खोज और हमले के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें अत्याधुनिक तकनीक और हथियार सिस्टम लगे हैं:
तकनीक / हथियार | विवरण.. |
|---|
| Hull Mounted Sonar | समुद्र की गहराई में पनडुब्बी खोजने वाला सेंसर |
| Low Frequency Variable Depth Sonar | दूर तक मौजूद पनडुब्बियों को पहचानने में सक्षम |
| टॉरपीडो और रॉकेट लॉन्चर | पनडुब्बी पर सीधा हमला करने की क्षमता |
| NSG-30 गन और 12.7 mm गन | सतह पर मौजूद खतरे से निपटने के लिए |
| डीजल इंजन + वॉटर जेट सिस्टम | उच्च गति से समुद्र में मूवमेंट और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता |
यह जहाज शांत समुद्री क्षेत्रों, तटों के पास, द्वीप क्षेत्रों और हार्बर डिफेंस ऑपरेशन्स के लिए बेहद उपयोगी है।
मेक इन इंडिया की ताकत – 80% से अधिक स्वदेशी तकनीक..
'अजय' को पूरी तरह भारतीय रक्षा क्षेत्र की तकनीकी क्षमताओं के अनुरूप तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे 8 ASW SWC जहाजों में 80% से ज्यादा स्वदेशी उपकरण और सामग्री का इस्तेमाल किया गया है।
पहले और आने वाले जहाज:
पहला जहाज 'अर्नाला' जून 2025 में कमीशन किया गया था।
दूसरा युद्धपोत अगस्त 2025 तक नौसेना को मिल जाएगा।
'अजय' इस श्रृंखला का आठवां और अंतिम जहाज है।
नौसेना की ताकत को मिलेगा बड़ा बढ़ावा..
इन जहाजों के जुड़ने से भारतीय नौसेना की कोस्टल डिफेंस, पनडुब्बी रोधी अभियान और समुद्री निगरानी की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। यह ना सिर्फ तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि भू-राजनीतिक स्तर पर भारत की समुद्री उपस्थिति को भी और मजबूत करेगा।
Edited by k.s thakur...





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