बारूद पर बैठा मिडिल ईस्ट: कहां-कहां से ईरान पर अटैक कर सकता है US? जंग में कूदा तो स्वागत के लिए तैयार है ईरान...
US Iran War News: मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान के बीच युद्ध के बीच अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज मिडिल ईस्ट की ओर बढ़ रहा है. ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है.
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मिडिल ईस्ट में आग की लपटें आसमान छू रही हैं. इजरायल और ईरान के बीच युद्ध चल रहा है, और अब दुनिया की निगाहें अमेरिका पर टिकी हैं. सवाल उठ रहा है कि क्या सुपरपावर इस जंग में कूदने वाला है? अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज दक्षिण चीन सागर से मिडिल ईस्ट की ओर बढ़ रहा है.
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इसके साथ ही रिपोर्ट है कि लगभग 30 केसी-135 और केसी-46 टैंकर यूरोप से मध्य पूर्व की ओर उड़ान भर चुके हैं. ये सैन्य हलचलें बता रही हैं कि कुछ बड़ा होने वाला है. दूसरी ओर, ईरान ने अपने खैबर शेकन मिसाइलों को अंडरग्राउंड बंकरों से बाहर निकाल लिया है और पहली बार इनका इस्तेमाल भी कर दिखाया. अमेरिका अगर युद्ध में आता है तो उसे इन मिसाइलों का सामना करना पड़ेगा.
अमेरिका की क्या है ताकत..
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को खुली चेतावनी दी है. उन्होंने ईरान से साफ कहा है कि ‘बिना शर्त सरेंडर करो!’ रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप ने वाइट हाउस के सिचुएशन रूम में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ मीटिंग की. इस मीटिंग में क्या बातचीत हुई यह साफ नहीं है.
लेकिन माना जा रहा है कि ईरान के परमाणु ठिकानों, खासकर फोर्डो की अंडरग्राउंड न्यूक्लियर साइट पर हमले का प्लान तैयार हो सकता है. अमेरिका के पास मिडिल ईस्ट में कई रणनीतिक ठिकाने हैं, जो इस जंग में तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं.
हमले की तैयारी में ट्रंप!
अमेरिका ने हाल ही में 30 से ज्यादा रिफ्यूलिंग टैंकर मिडिल ईस्ट भेजे हैं, जो इजरायली फाइटर जेट्स को ईरान के ऊपर लंबी उड़ान के लिए ईंधन दे सकते हैं. फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी फाइटर जेट्स भी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं. ये सारी तैयारियां बता रही हैं कि ट्रंप सिर्फ धमकी नहीं दे रहे, बल्कि जंग का इरादा पक्का कर चुके हैं.
ईरान भी है तैयार..
ईरान कोई कमजोर मुल्क नहीं. उसने अपने खैबर शेकन मिसाइलों को बंकरों से निकालकर दुनिया को अपनी ताकत दिखा दी है. ये ठोस-ईंधन वाली मिसाइलें 1,500 किमी तक मार कर सकती हैं और सिर्फ 20 मीटर की सटीकता के साथ टारगेट को भेद सकती हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने पहली बार इजरायल पर इस मिसाइल का इस्तेमाल किया है, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया.
ईरान ने धमकी दी है कि अगर अमेरिका जंग में कूदा, तो कतर, बहरीन और यूएई के अमेरिकी ठिकाने उसके निशाने पर होंगे. और सिर्फ मिसाइलें ही नहीं, ईरान की ड्रोन आर्मी भी कमाल की है. रूस-यूक्रेन युद्ध में पुतिन की मदद करने वाले शाहेद-136 ड्रोन सस्ते लेकिन घातक हैं, जो झुंड में हमला कर दुश्मन की नींद उड़ा सकते हैं.
अमेरिका का गेम चेंजर प्लान तैयार
अगर मिडिल ईस्ट के ठिकाने ईरान की मिसाइलों का निशाना बनते हैं, तो भी अमेरिका के पास हिंद महासागर में डिएगो गार्सिया जैसा गुप्त हथियार है. ईरान से 3800 किमी दूर ये बेस एक फ्लोटिंग फोर्ट्रेस है. कुछ महीने पहले ही यहां चार बी-52एच बॉम्बर, चार एफ-15ई स्ट्राइक ईगल, और केसी-135 टैंकर तैनात किए गए हैं.
खास बात ये है कि अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपने एफ-15ई को 70mm लेजर-गाइडेड रॉकेट्स (APKWS II) से लैस किया है, जो ईरान के ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को हवा में ही मार गिराने में माहिर हैं.
एक एफ-15 अब 50 ड्रोन तक को नष्ट कर सकता है, जो इसे जंग का ‘ड्रोन किलर’ बनाता है. अब देखना यह है कि आखिर इस जंग में कौन बाजी मारेगा और सबसे बड़ा सवाल कि क्या ऐसा करके सिर्फ ट्रंप धमकी दे रहे हैं या सच में ही युद्ध करने का मन बना चुके हैं.
Edited by k.s thakur...




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