Waqf Law: सऊदी अरब का वक्‍फ कानून क्‍या कहता है, जहां जा रहे पीएम मोदी? भारत के नए लॉ से क‍ितना अलग...

Waqf Law: सऊदी अरब का वक्‍फ कानून क्‍या कहता है, जहां जा रहे पीएम मोदी? भारत के नए लॉ से क‍ितना अलग...


Indian Waqf Amendment Act Vs Saudi Waqf Law: सीधी भाषा में कहें तो सऊदी में वक्फ मैनेजमेंट पूरी तरह सरकारी नियंत्रण में है, जबकि भारत में वक्फ बोर्ड फ्री संस्‍था है, जिस पर सरकार का सीधा कोई कंट्रोल नहीं है. सऊदी अरब तो वहां की वक्‍फ प्रॉपर्टी देश के डेवलपमेंट में खर्च करने का ऐलान कर चुका है, लेकिन भारत में इसमें थोड़ा साथ सुधार भी नागवार गुजर रहा है.

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वक्‍फ संशोधन कानून पर विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के दौरे पर जा रहे हैं. सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उन्‍हें खास न्योते पर आमंत्रित क‍िया था. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी तीसरी बार सऊदी अरब जा रहे हैं. क्राउन प्र‍िंस और पीएम मोदी के बीच एक दोस्‍तीभरा र‍िश्ता है. 

लेकिन सोशल मीडिया में इस बात की खूब चर्चा हो रही है क‍ि वक्‍फ कानून की वजह से जहां भारत में कुछ मुलसमान सरकार से खफा हैं तो वहीं एक मुस्‍ल‍िम देश पीएम मोदी का द‍िल खोलकर स्‍वागत कर रहा है. कुछ तो यहां तक कह रहे क‍ि सऊदी को इस मामले पर पीएम मोदी से बात करनी चाह‍िए. आख‍िर सऊदी अरब का वक्‍फ कानून क्‍या कहता है? वहां का वक्‍फ लॉ भारत के नए कानून से क‍ितना अलग?


भारत- सऊदी के कानून में क्‍या समानताएं क्‍या विरोध?

  • सबसे पहले जान‍िए दोनों देश में वक्‍फ कानून का मकसद एक ही है. वक्फ संपत्तियों का मुख्य उद्देश्य मस्जिद, कब्रिस्तान, मदरसा आदि धार्मिक या समाज सेवा के कामों में उपयोग करना है. दोनों देशों के कानून वक्फ संपत्तियों की खरीद-बिक्री या गैर-धार्मिक उपयोग पर रोक लगाते हैं.
  • दोनों देशों में वक्फ संपत्तियों का मैनेजमेंट सरकार की ओर से बनाई गई एक बॉडी या निकाय ही करता है. लेकिन सऊदी अरब का वक्‍फ कानून शर‍िया से कंट्रोल होता है. सऊदी अरब में Ministry of Islamic Affairs और स्थानीय वक्फ एजेंसियां इसका मैनेजमेंट करती हैं.
  • भारत में जहां वक्फ ट्रिब्यूनल और सिव‍िल कोर्ट है, वहीं सऊदी अरब में शरिया कोर्ट होती है, जो इससे जुड़े मुकदमे सुनती है. भारत में धर्मनिरपेक्षता के कारण अदालतें धार्मिक मामलों में भी हस्तक्षेप कर सकती हैं. सऊदी में धर्म और शासन अलग अलग नहीं हैं, वहां की सरकार सीधे धार्मिक कानून लागू करती है.
  • भारत के वक्‍फ कानून के तहत वक्‍फ संपत्‍त‍ियों को वक्‍फ बोर्ड के पास रज‍िस्‍टर क‍िया जाता है, लेकिन सऊदी अरब में वक्‍फ संपत्‍त‍ि मंत्रालय में रज‍िस्‍टर्ड होती हैं. वहां इसका पूरा डेटा होता है. हर एक जमीन का कागज उसी तरह होता है, जैसे भारत में क‍िसी भी अन्‍य जमीन का रज‍िस्‍ट्रेशन होता है.
सऊदी अरब का वक्फ बोर्ड कौन चलाता है?
सऊदी अरब में वक्फ प्रबंधन इस्लामिक शरीयत के सिद्धांतों पर आधारित है. इसका प्रबंधन सऊदी वक्फ, धर्मार्थ कार्य और धार्मिक मामलों का मंत्रालय करता है. वक्‍फ करने के बाद संपत्‍त‍ि का क्‍या होगा, इसका संरक्षण कौन करेगा और इसका उपयोग कहां होगा, यह सबकुछ मंत्रालय तय करता है. 

मंत्रालय में उलेमा की एक कमेटी होती है, जो इसकी देखरेख करती है. यह कमेटी शरीयत के अनुसार निर्णय लेती है. कुछ छोटे वक्‍फ स्थानीय ट्रस्टी या मुतवल्ली द्वारा कंट्रोल होते हैं. लेकिन उन्‍हें भी सरकार के द‍िशा निर्देशों का पालन करना होता है.

सरकार का कितना नियंत्रण?
सऊदी सरकार के वक्फ मंत्रालय का इस कमेटी पर पूरा कंट्रोल होता है. सभी वक्फ संपत्तियों का रिकॉर्ड और उसका कहां-कहां उपयोग हो रहा है, उसकी जानकारी मंत्रालय के पास होती है. वक्फ का फंड कहां खर्च हो रहा है, मस्‍ज‍िदों-स्‍कूलों और चैर‍िटी में कहां-कहां लगाया जा रहा है, एक-एक पैसे का ह‍िसाब वहां की सरकार रखती है. सऊदी विजन 2030 के तहत सरकार वहां की वक्‍फ प्रॉपर्टी में से 350 बिलियन रियाल देश के डेवलपमेंट पर खर्च करने जा रही है.





Edited by k.s thakur...



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