मिजोरम में 3 महिलाओं समेत 46 की मौत, एक साल में नशे ने ली सभी की जान; विधानसभा में मंत्री ने रखे आंकड़े...
पीटीआई, आइजोल। मिजोरम में पिछले एक साल में नशे के सेवन से तीन महिलाओं समेत कुल 46 लोगों की मौत हुई है। यह जानकारी राज्य के आबकारी एवं मादक पदार्थ मंत्री लालनघिंगलोवा हमार ने विधानसभा में साझा की। मंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में 1984 में हेरोइन के सेवन से पहली मौत हुई थी। अब तक 1884 लोगों की जान जा चुकी है। इसमें 230 महिलाएं भी शामिल हैं।
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सैकड़ों किलो नशीला पदार्थ जब्त..
मंत्री के मुताबिक अप्रैल 2024 से 31 जनवरी 2025 तक नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम के तहत विभिन्न एजेंसियों ने 34.15 किलोग्राम हेरोइन, 34.18 किलोग्राम मेथमफेटामाइन, 329.7 किलोग्राम गांजा, 1.31 किलोग्राम नाइट्राजेपाम और 152.5 किलोग्राम कफ सिरप समेत अन्य नशीली दवाओं को जब्त किया है।
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मंत्री के मुताबिक पिछले एक साल में 458 लोगों के खिलाफ एनडीपीस अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार नागरिक समाज संगठनों के साथ मिलकर नशीली दवाओं की समस्या से निपटने की कोशिश में जुटी है। अधिकारियों के मुताबिक 2015 तक मिजोरम में सबसे अधिक मौतें स्पास्मो-प्रॉक्सीवॉन और पार्वोन स्पास से होती थी। बाद में पड़ोसी राज्यों और म्यांमार से नशे की तस्करी के बाद हेरोइन ने यह जगह ले ली।
2004 में हुई सबसे अधिक मौतें..
साल 2000 में कुल 139 लोगों को नशे के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी थी। नशे से सबसे अधिक मौतें 2004 में दर्ज की गईं। इस वर्ष 21 महिलाओं समेत कुल 143 लोगों की जान गई थी। 2015 से 2024 तक हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से 92 महिलाओं समेत 564 की मौत हुई है। अधिकारियों के मुताबिक 1986 में नशीली दवाओं के सेवन से मिजोरम में कोई भी मौत नहीं हुई।
म्यांमार के साथ मिजोरम की सबसे बड़ी सीमा..
म्यांमार के साथ मिजोरम की 510 किमी और बांग्लादेश के साथ 318 किमी लंबी सीमा लगती है। असम, मणिपुर और त्रिपुरा के साथ भी मिजोरम की सीमा लगती है।
Edited by k.s thakur...




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