J&K: अब... '6 इंच का हथियार' ढूंढेगा आतंकियों का सटीक ठिकाना...

J&K: अब... '6 इंच का हथियार' ढूंढेगा आतंकियों का सटीक ठिकाना...


जम्मू डेस्क:  जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने में भारतीय सेना की एक नई तकनीक, "ब्लैक हार्नेट" नैनो ड्रोन, महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह नैनो ड्रोन भारतीय सेना के स्पेशल फोर्सेज द्वारा उपयोग किया जा रहा है, और इसे बहुत ही अच्छे तरीके से डिजाइन किया गया है ताकि यह दुश्मन के ठिकानों पर निगरानी रख सके और जानकारी प्रदान कर सके। 

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इसकी क्षमता और प्रभावी उपयोग भारतीय सुरक्षा बलों के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो रही है, जिससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है।

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'ब्लैक हार्नेट' की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

आकार और वजन: यह ड्रोन केवल छह इंच लंबा है और इसका वजन मात्र 33 ग्राम है। इसकी छोटी और हल्की संरचना इसे दुश्मन द्वारा महसूस किए बिना उनका पता लगाने में सक्षम बनाती है।

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उड़ान क्षमता: यह ड्रोन 25 मिनट तक हवा में उड़ सकता है और इसकी उड़ान रेंज लगभग दो किलोमीटर तक है। इसके छोटे आकार और टिविन रोटर के कारण यह ऊंचे और तंग स्थानों में भी आसानी से प्रवेश कर सकता है।

कैमरा और वीडियो क्षमता: ब्लैक हार्नेट में एचडी कैमरा और लाइव वीडियो ट्रांसमिशन की सुविधा है, जिससे यह दुश्मन के ठिकाने की सटीक जानकारी देता है।

Excellent control: यह ड्रोन सिग्नल एन्क्रिप्शन तकनीक पर काम करता है और इसे नियंत्रण कक्ष से चलाया जाता है। इसके ऑपरेशन में बहुत ही कम शोर होता है, जिससे यह दुश्मन को पूरी तरह से अंजान रखता है।

कुदरती आपदाओं में उपयोग: केवल आतंकवाद विरोधी अभियानों में नहीं, बल्कि यह ड्रोन कुदरती आपदाओं में भी फायदा देता है, जैसे कि भूकंप या अन्य आपदाओं के दौरान फंसे लोगों की पोजिशन की जानकारी प्राप्त करना।

सैनिकों को सुरक्षा: ब्लैक हार्नेट के इस्तेमाल से सैनिक बिना खुद को जोखिम में डाले दुश्मन के ठिकानों की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और फिर बिना नुकसान के ऑपरेशन चला सकते हैं।

यह ड्रोन भारत की सेना की आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और 2023 में इसे सेना के बेड़े में शामिल किया गया था। इसे जम्मू-कश्मीर के विभिन्न अभियानों में सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया है, जैसे कि 2023 में अखनूर के बट्टल में आतंकियों को खत्म करने में।



Edited by k.s thakur...


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