Parliament Winter Session: संसद में खूब हुआ संग्राम, सिर्फ 105 घंटे काम; पढ़ें शीतकालीन सत्र का लेखा-जोखा...

Parliament Winter Session: संसद में खूब हुआ संग्राम, सिर्फ 105 घंटे काम; पढ़ें शीतकालीन सत्र का लेखा-जोखा...


नई दिल्ली। संविधान की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में संविधान दिवस मनाया गया और संविधान पर चर्चा भी की गई, लेकिन इस बार संसदीय गरिमा को तार-तार करने में सांसदों ने कोई कसर नहीं छोड़ी।

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शुक्रवार को भी हंगामे की भेंट चढ़ी संसद की कार्यवाही..

दोनों सदनों में अदाणी से लेकर जार्ज सोरोस और आंबेडकर पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर हंगामा ज्यादा हुआ। 25 नवंबर को शुरू हुआ सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के स्थगित हो गया। इस दौरान दोनों सदनों में तकरीबन आधे समय ही कामकाज हो सका। राज्यसभा और लोकसभा की पीठ से भी शुक्रवार को यही पीड़ा व्यक्त की गई।
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राज्यसभा की कार्यवाही न चलने पर सभापति ने जताई चिंता ..
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सांसद के रूप में हम देशवासियों की कड़ी आलोचना का सामना कर रहे हैं। यह कटु सत्य परेशान करने वाला है कि राज्यसभा में इस सत्र में कामकाज की स्थिति मात्र 40.03 प्रतिशत रही। इसमें केवल 43 घंटे और 27 मिनट ही प्रभावी कामकाज हुआ।

सांसदों के रूप में हम भारत के लोगों से कड़ी आलोचना का सामना कर रहे हैं और यह सही भी है। ये निरंतर व्यवधान हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों में जनता के विश्वास को लगातार कम कर रहे हैं। संसदीय विचार-विमर्श से पहले मीडिया के जरिये नोटिस का प्रचार करने और नियम 267 का सहारा लेने की बढ़ती प्रवृत्ति संस्थागत गरिमा को कम करती है।

वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों से दो टूक कहा कि संसद को अपनी गरिमा-मर्यादा बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई का भी अधिकार है। सत्र के दौरान लोकसभा की मात्र 20 बैठकें हो पाईं, जो करीब 62 घंटे चलीं। 18वीं लोकसभा के तीसरे सत्र में उत्पादकता 57.87 प्रतिशत रही।

गुरुवार को संसद परिसर में जमकर हुआ हंगामा ..

बिरला ने कहा कि संसद की मर्यादा बनाए रखना सभी सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है। संसद के किसी भी द्वार पर धरना-प्रदर्शन करना उचित नहीं। यदि इसका उल्लंघन होता है तो संसद को अपनी मर्यादा और गरिमा बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई का अधिकार है। एक दिन पहले ही संसद परिसर में सत्तापक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच धक्का-मुक्की हुई जिससे भाजपा के दो सदस्यों को चोट लगी थी। उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने परिसर में विरोध प्रदर्शन पर रोक भी लगा दी है।

संविधान पर चर्चा : लोकसभा : 16 घंटे

राज्यसभा : 17 घंटे

लोकसभा में प्रश्नकाल : 20 दिनों में से 12 दिन सिर्फ 10 मिनट

स्थगन प्रस्ताव :सभी प्रस्ताव अस्वीकार




Edited by k.s thakur...

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