2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का सपना, क्या पूरी तरह से तैयार है भारत? किन पैमानों पर हुआ सफल...

2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का सपना, क्या पूरी तरह से तैयार है भारत? किन पैमानों पर हुआ सफल...


साल 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के सपने को साकार करने के लिए भारत बुलंद इरादों के साथ जुट चुका है। देश को आत्मनिर्भर बनाने विकास की रफ्तार तेज करने के लिए उठाए गए कदमों के परिणाम दिखने लगे हैं। दुनिया भारत की धमक देख रही है। भारत ने साबित कर दिया कि शिद्दत से सामूहिक प्रयास किया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं होता।

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नई दिल्ली, जेएनएन : साल 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के सपने को साकार करने के लिए भारत बुलंद इरादों के साथ जुट चुका है। देश को आत्मनिर्भर बनाने, विकास की रफ्तार तेज करने के लिए उठाए गए कदमों के परिणाम दिखने लगे हैं। दुनिया भारत की धमक देख रही है।

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भारत ने साबित कर दिया कि शिद्दत से सामूहिक प्रयास किया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं होता। भारत ने एक तरफ जहां 200 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल कर ली, वहीं 6जी तकनीक के पेटेंट में हम छह शीर्ष देशों में शामिल हैं।

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भारत दो साल में 80 लाख कंप्रेशर बनाने लगा..

कभी आयात पर निर्भर भारत दो साल में 80 लाख कंप्रेशर बनाने लगा है। भारत के प्रदर्शन से प्रभावित 11 देशों ने भारत के दवा कानून अपनाए हैं। भारत ने सितंबर में 200 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल किया। 2014 में भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता केवल 75 गीगावाट थी, अब यह क्षमता 201,457.91 मेगावाट तक पहुंच गई है।

इनमें 90,762 मेगावाट सौर ऊर्जा और 47,363 मेगावाट पवन ऊर्जा है। 2014 से नवीकरणीय ऊर्जा से बिजली उत्पादन 86 प्रतिशत बढ़ा है। भारत जी-20 का एकमात्र देश है, जिसने अपने जलवायु लक्ष्यों को निर्धारित समय से पहले पूरा किया।

6जी तकनीक पर तेजी से आगे बढ़ रहा भारत भारत 6जी तकनीक पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। 6 जी से संबंधित पेटेंट दाखिल करने में भारत शीर्ष छह देशों में शामिल है। भारत अगले तीन वर्षों में सभी 6जी पेटेंट में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल कर सकता है।

11 देशों ने भारतीय दवा कानूनों को दे दी मान्यता..

 11 देशों ने भारतीय दवा कानूनों को अपना मानक माना भारतीय औषधि महानियंत्रक डा. राजीव रघुवंशी ने कहा है कि 11 देशों ने भारतीय दवा कानूनों को अपने मानक के रूप में मान्यता दे दी है। भारत विश्वभर में 200 से अधिक देशों को दवाएं, टीके और चिकित्सा उपकरण आपूर्ति कर रहा है।

पिछले कुछ वर्षों से हर साल औसतन 100 वैश्विक क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दी जा रही है। कभी थे आयात पर निर्भर अब बना रहे 80 लाख कंप्रेशरचार साल पहले कंप्रेशर के लिए आयात पर निर्भर रहने वाले भारत में अब 80 लाख कंप्रेशर बनाए जा रहे हैं। एसी मैन्यूफैक्च¨रग में कंप्रेशर का इस्तेमाल होता है। इसमें सरकार के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) स्कीम कारगर साबित हुई है।










Edited by k.s thakur...




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