मोकिम पार्टी में नहीं रहना चाहते थे ; पीसीसी अध्यक्ष भक्त दास...

मोकिम पार्टी में नहीं रहना चाहते थे ; पीसीसी अध्यक्ष भक्त दास...


भूवनेश्वर : ओडिशा पीसीसी अध्यक्ष भक्त दास ने मोकिम को कांग्रेस से निकाले जाने पर प्रतिक्रिया दी है। अगर मोकिम सोनिया गांधी का सम्मान करते, तो उन्होंने पत्र लिखकर मीडिया को इसके बारे में क्यों बताया? 

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भक्त दास ने सवाल किया है।उन्होंने कहा कि वो कौन हैं ? मोकिम सिर्फ़ एक बार विधानसभा चुनाव जीते हैं । सभी मेंबर्स को अपनी बात कहने का हक़ है। पार्टी लीडरशिप उनकी बात ज़रूर सुनेगी। सोनिया को लेटर लिखने में कोई दिक्कत नहीं है। 

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लेकिन मीडिया में लेटर छापने की क्या ज़रूरत थी। क्योंकि वह पार्टी में रहना ही नहीं चाहते थे। जो भी पार्टी में रहता है, वह पार्टी हाईकमान और सीनियर लीडर्स की बात मानता है। अगर नाइंसाफ़ी होती है, तो वह उनसे मिले, शिकायत करे और बात करे।

भक्त ने पूछा कि वह राहुल गांधी के बारे में क्या जानते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने लोगों को जागरूक करने के लिए पूरे देश में पदयात्राएं कीं। क्या यह मेहनत का काम नहीं है, क्या वह राहुल को चिट्ठी लिखकर गाइड करेंगे?उनको राहुल के बारे में क्या पता? 

उन्होंने देश के लोगों को जगाने के लिए बहुत मेहनत की है। वे राहुल गांधी को चिट्ठी के ज़रिए गाइडेंस देंगे। यह एक पॉलिटिकल मामला है। ऐसा सिर्फ़ अपोज़िशन पार्टी का आदमी ही कर सकता है। 

अगर उसमें पार्टी छोड़ने की सोच नहीं है, तो वह अपोज़िशन पार्टी जैसा काम क्यों कर रहे थे।इसी तरह यह भी पूछा गया कि क्या पार्टी के खिलाफ बोलने वाले पर कार्रवाई होगी और उनका मुंह बंद कर दिया जाएगा। इसके जवाब में भक्त दास ने कहा, सच बोलने की अपनी जगह होती है। पार्टी के पास कई फोरम हैं और वह पार्टी मीटिंग में भी बोल सकते हैं।




Edited by k.s thakur...

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