आंध्र प्रदेश के लिए साल २०२५ सबसे दर्दनाक, कुरनूल हादसे से काशीबुग्गा त्रासदी तक... एक हफ्ते में 28 मौतें...
Andhra Pradesh Stampede News: साल 2025 आंध्र प्रदेश के लिए सबसे दर्दनाक साबित हुआ है. तीन बड़े मंदिर हादसों में 22 श्रद्धालुओं की मौत, कुरनूल बस हादसे में 19 की जान गई और ‘मोंथा’ तूफान ने 5,200 करोड़ का नुकसान पहुंचाया. राज्य में एक हफ्ते में 28 मौतें हुईं.
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साल 2025 आंध्र प्रदेश के लिए अब तक का सबसे दुखद साल बन गया है. मंदिरों में मचे हाहाकार से लेकर प्राकृतिक आपदाओं तक, राज्य ने महज़ कुछ महीनों में दर्द और विनाश के कई चेहरे देख लिए. तीन बड़े धार्मिक हादसों में अब तक 22 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कुरनूल बस हादसे और ‘मोंथा’ तूफान ने हालात और भयावह बना दिए हैं.
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ताजा त्रासदी श्रीकाकुलम के काशीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हुई. जहां शनिवार को भारी भीड़ के बीच रेलिंग टूटने से भगदड़ मच गई. नौ श्रद्धालु कुचलकर मारे गए और दर्जनों घायल हुए. राज्य की धार्मिक नगरीयों से लगातार आ रही इन घटनाओं ने प्रशासन की तैयारियों और सुरक्षा प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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काशीबुग्गा मंदिर त्रासदी: श्रद्धा के बीच मौत का मंजर..
शनिवार को एकादशी के मौके पर श्रीकाकुलम के कासीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे थे. अचानक भीड़ बढ़ने और रेलिंग टूटने से भगदड़ मच गई. इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हैं.
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यह मंदिर ‘तिरुपति ऑफ द ईस्ट’ के नाम से प्रसिद्ध है और हर एकादशी को यहां लाखों श्रद्धालु जुटते हैं. प्रशासन के मुताबिक कार्यक्रम के लिए उचित सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे और प्रवेश-निकास का एक ही रास्ता होने से स्थिति बेकाबू हो गई.
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विशाखापत्तनम हादसा: दीवार गिरी, सात की जान गई..
अप्रैल 2025 में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के श्री वराह लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर में दीवार गिरने से 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. उस दिन मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन था, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए थे. बारिश और भीड़ के दबाव में मंदिर परिसर की एक दीवार ढह गई. इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल उठाया कि धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण और ढांचागत सुरक्षा पर सरकार कितनी गंभीर है.
तिरुपति में जनवरी की भगदड़: शुरुआत में ही चेतावनी..
साल की शुरुआत भी दर्दनाक रही. जनवरी 2025 में तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में टिकट वितरण के दौरान भगदड़ मच गई थी. इस घटना में 6 श्रद्धालुओं की मौत और 40 से ज्यादा घायल हुए. यह वही मंदिर है जिसे देश के सबसे सुरक्षित और अनुशासित मंदिरों में गिना जाता है, लेकिन इस हादसे ने यह साबित कर दिया कि भीड़ प्रबंधन में एक छोटी चूक भी कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है.
कुरनूल बस हादसा और मोंथा तूफान: एक हफ्ते में दो बड़ी आपदाएं..
पिछले हफ्ते कुरनूल जिले में बस दुर्घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया. इस हादसे में 19 लोगों की मौत हुई और दर्जनों घायल हुए. इसी बीच, ‘मोंथा’ चक्रवात ने राज्य के तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाई, जिससे करीब 5,200 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ. कई जिलों में बिजली, पानी और संचार सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं.
राज्य पर आपदाओं का साया, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल..
लगातार हो रही इन घटनाओं से आंध्र प्रदेश के लोग डरे और निराश हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि राज्य सरकार को धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण, आपदा प्रबंधन और इन्फ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा पर तुरंत ठोस कदम उठाने होंगे. साल 2025 के दस महीनों ने यह साफ कर दिया है कि श्रद्धा और सुरक्षा का संतुलन बिगड़ते ही यह धरती कितनी दर्दनाक हो सकती है.
Edited by k.s thakur...







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