DUSU Election: बेंटले, रोल्स रॉयस, फरारी.. महंगी कारों और JCB से हुआ डूसू चुनाव प्रचार, हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस...

DUSU Election: बेंटले, रोल्स रॉयस, फरारी.. महंगी कारों और JCB से हुआ डूसू चुनाव प्रचार, हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस...


DUSU Election Results 2025: दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव के नतीजे कल जारी हो गए थे. हाईकोर्ट ने विजय जुलूस और जश्न पर रोक लगाई थी, जिसका असर साफ नजर आया. लेकिन इसके बावजूद डूसू चुनाव के विजेताओं को नोटिस भेजा गया है. जानिए पूरा माजरा.

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नई दिल्ली (DUSU Election Results 2025). दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव देश की छात्र राजनीति का आईना माने जाते हैं. यहां से निकले कई छात्र नेता आगे चलकर राष्ट्रीय राजनीति में अहम पदों पर पहुंचे हैं. 

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इस बार डूसू चुनाव प्रचार में पैसों और संसाधनों का दिखावा किया गया. बेंटले, फरारी, रोल्स रॉयस जैसी लग्जरी कारों से प्रचार किया गया. कई जगहों पर चुनावी शक्ति प्रदर्शन के लिए जेसीबी और भारी मशीनरी भी तैनात की गई. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है.

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अदालत ने साफ कहा कि छात्रों ने पिछले साल के आदेश से कोई सबक नहीं लिया. उस समय उपद्रव और हिंसा की वजह से चुनाव परिणाम रोकने पड़े थे. कोर्ट ने नवनिर्वाचित डूसू अध्यक्ष आर्यन मान और अन्य विजेताओं को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि आखिर इतनी महंगी गाड़ियां और संसाधन चुनाव प्रचार में कैसे इस्तेमाल हुए. 

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दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- छात्र राजनीति मुद्दों और विचारों के आदान-प्रदान का मंच होना चाहिए था. अब केवल दिखावे और पैसों की ताकत का प्रदर्शन बनकर रह गई है.

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आम लोग इन गाड़ियों के नाम तक नहीं जानते..


शुक्रवार को सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान हुए दिखावे पर सख्त रुख अपनाया. छात्र संघ चुनाव का मकसद शिक्षा, रोजगार, फीस, हॉस्टल सुविधाओं और छात्र हितों से जुड़े मुद्दों पर विमर्श होना चाहिए. लेकिन अब यह मंच महंगी गाड़ियों, DJ और रैलियों का अखाड़ा बन गया है. 
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अदालत ने टिप्पणी की- ‘हमने तो इन कारों के नाम तक नहीं सुने. ऐसे में यह कल्पना से परे है कि छात्र उन्हें प्रचार में कैसे इस्तेमाल कर पा रहे हैं.’ इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि इन चुनावों में बाहरी ताकतें और बड़े पैमाने पर पैसा झोंका जा रहा है.

विजेताओं को नोटिस जारी और जवाब तलब..


हाईकोर्ट ने डूसू के नवनिर्वाचित अध्यक्ष आर्यन मान (Aryan Maan) सहित पूरे विजेता पैनल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने पूछा है कि आखिर इतनी लग्जरी गाड़ियां और संसाधन किस आधार पर और किसके सहयोग से उपलब्ध कराए गए. 

नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर इस तरह के उल्लंघन को अनदेखा किया गया तो छात्र राजनीति का चरित्र पूरी तरह बदल जाएगा. यह केवल चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी आघात है.

जरूरी है रोक लगाना..


दिल्ली हाईकोर्ट का मानना है कि अगर समय रहते इस तरह के दिखावे पर रोक नहीं लगी तो आने वाले सालों में डूसू चुनाव सिर्फ संसाधन संपन्न उम्मीदवारों तक सीमित होकर रह जाएंगे और वास्तविक छात्र मुद्दे हाशिये पर चले जाएंगे. अदालत ने सुनवाई के दौरान पिछले साल की घटनाओं का भी जिक्र किया. 

2024 में चुनाव प्रचार के दौरान जमकर उपद्रव हुआ था, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था और हिंसक झड़पें हुई थीं. उस समय अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा था और चुनाव परिणाम तक रोक दिए गए थे.

छात्र राजनीति पर उठे सवाल..


अब एक बड़ा सवाल उठ गया है कि क्या छात्र राजनीति मुद्दों और विचारों के बजाय शक्ति और साधन के प्रदर्शन का मंच बन चुकी है. दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे संस्थान में, जहां से देश को कई बड़े नेता मिले हैं, छात्र संघ चुनावों में ऐसी तस्वीर सामने आना चिंताजनक है. 

छात्रों को जहां शिक्षा की गुणवत्ता, बेरोजगारी, फीस वृद्धि और हॉस्टल की कमी जैसे मुद्दों को उठाना चाहिए था, वहां वे महंगी गाड़ियों और मशीनों के सहारे प्रचार करते नजर आए. अदालत की टिप्पणियों से साफ है कि अब इस पूरे तंत्र की गहन निगरानी होगी.

यह मामला सिर्फ डूसू चुनाव तक सीमित नहीं है. यह पूरे देश की छात्र राजनीति के बदलते स्वरूप का प्रतीक है, जहां आदर्शों और विचारों की जगह अब दिखावा, पैसा और बाहरी प्रभाव हावी होते दिख रहे हैं.







Edited by k.s thakur...

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