परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा! भारतीय सेना में शामिल होगी स्वदेशी ATAGS तोप, दुश्मनों की हालत करेगी खराब...
नई दिल्ली। भारतीय सेना को और ताकतवर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए स्वदेशी तकनीक से बना एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) पुरानी और छोटी तोपों की जगह लेने जा रहा है।
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रक्षा मंत्रालय ने इसे एक 'शानदार मिशन मोड कामयाबी (exemplary mission mode success)' करार दिया है। यह तोप न सिर्फ सेना की ताकत बढ़ाएगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी हकीकत में बदल रही है। 48 किलोमीटर तक मार करने वाली यह तोप देश की रक्षा में नया अध्याय लिखेगी।
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ATAGS को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के पुणे स्थित आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ARDE) ने डिजाइन किया है।
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रक्षा मंत्रालय ने अपने X अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए ATAGS की तारीफ की और बताया कि यह प्रोजेक्ट 2012 में शुरू हुआ था। ARDE के डायरेक्टर ए. राजू ने कहा, "महज 12 साल में हमने डिज़ाइन से लेकर टेस्टिंग और इंडक्शन तक का सफर पूरा कर लिया।"
आधुनिक तकनीक, बेमिसाल ताकत से लैस ATAGS..
ATAGS की खासियत इसकी आधुनिक तकनीक है, जो इसे बेहद खास बनाती है। इसमें ऑल-इलेक्ट्रिक ड्राइव सिस्टम है। इसकी मदद से तोप को चलाने और गोला-बारूद संभालने में मदद करता है। यह सिस्टम पहाड़ों और रेगिस्तानों जैसे मुश्किल इलाकों में भी बिना रुकावट काम करता है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह तोप रखरखाव में भी आसान है। इस वजह सेना को ऑपरेशन में कोई दिक्कत नहीं होगी। ए. राजू ने कहा, "ARDE आत्मनिर्भर भारत के मिशन में अहम रोल अदा कर रहा है।"
प्रोजेक्ट की क्या है कीमत?
इस प्रोजेक्ट में DRDO, भारतीय सेना, और निजी-पब्लिक क्षेत्र की कंपनियों ने मिलकर काम किया है। यह एकता और मेहनत ही ATAGS को इतना खास बनाती है। 26 मार्च को रक्षा मंत्रालय ने भारत फोर्ज लिमिटेड और टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड के साथ 155mm/52 कैलिबर ATAGS और हाई मोबिलिटी व्हीकल 6x6 गन टोइंग व्हीकल्स के लिए करार किया था।
इसकी कुल कीमत करीब 6,900 करोड़ रुपये है। ये तोपें पुरानी और छोटी तोपों की जगह लेंगी और सेना की मारक क्षमता को कई गुना बढ़ाएंगी।
307 ATAGS की डिलीवरी अगले पांच साल में पूरी होने की उम्मीद है। रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "ATAGS भारतीय सेना के तोपखाने के आधुनिकीकरण का नेतृत्व कर रहा है। यह DRDO का फ्लैगशिप सिस्टम है और आत्मनिर्भर भारत के लिए एक मिसाल है।"
Edited by k.s thakur...





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