Iran Military Power : नतांज, नेता और मिसाइल सब तबाह, अब ईरान के पास क्या है सरप्राइज एलिमेंट जिससे दहल उठेगा इजरायल...
Iran Military Power vs Israel: इजरायली हमलों के जवाब में ईरान ने ड्रोन हमला किया, लेकिन बड़ी कार्रवाई की आशंका बनी हुई है. अयातुल्ला खामेनेई ने 'कड़ी सजा' का वादा किया है. क्या ईरान की सेना इतनी ताकतवर है कि इजरायल और परोक्ष रूप से पश्चिमी देशों की सैन्य ताकत से लोहा ले सके?
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तेहरान: इजरायल ने आखिर वो कर दिखाया जिसकी धमकी सालों से देता आ रहा था. तेहरान में विस्फोट, नतांज की परमाणु साइट पर हमला, और ईरान के टॉप मिलिट्री जनरल व दो प्रमुख न्यूक्लियर वैज्ञानिकों की हत्या. मगर सवाल ये है कि जब ईरान के सबसे अहम ठिकानों को बमों से उड़ाया जा चुका है, उसके परमाणु प्रोजेक्ट को रोकने की कोशिश हो चुकी है, तब वो क्या बचा है जो इजरायल को पलटकर झटका दे सकता है?
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क्योंकि युद्ध सिर्फ बमों से नहीं जीता जाता, बल्कि रणनीति, टेक्नोलॉजी और सरप्राइज से जीता जाता है. और ईरान इसी मोर्चे पर इजरायल के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बनने जा रहा है.
इजरायली ऑपरेशन: एक बहाना या वाकई खतरे की प्रतिक्रिया?
इजरायल ने दावा किया है कि यह ऑपरेशन उसकी ‘आखिरी चेतावनी’ थी. नतांज एनरिचमेंट फैसिलिटी, मिसाइल भंडार और हाई-प्रोफाइल वैज्ञानिकों को निशाना बनाकर उसने ईरान के न्यूक्लियर सपने को नेस्तनाबूद करने की कोशिश की. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुलकर कहा, ‘अब बात वजूद की है.’
इजरायली बयान के अनुसार, इस ऑपरेशन का मकसद ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकना था. लेकिन क्या इजरायल वाकई ईरान की पूरी ताकत को खत्म कर पाया?
ईरान की पहली प्रतिक्रिया: हमला हुआ तो खामोशी नहीं, धमाका होगा..
ईरान ने शुरुआत ड्रोन हमलों से की. मगर ये महज़ ट्रेलर था. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने एलान किया, ‘इजरायल को इसका सख्त और ऐतिहासिक दंड मिलेगा.’ अब जब ईरान की राजधानी में धमाके हो चुके हैं, जनरल हुसैन सलामी मारे जा चुके हैं, तो सवाल है कि ईरान किन तरीकों से पलटवार कर सकता है?
1. हजारों मिसाइलें और ड्रोन: ईरान का पहला वार जमीन से नहीं, हवा से आता है
ईरान के पास करीब 3,000 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें हैं और दर्जनों अलग-अलग रेंज के ड्रोन, जिनमें Shahed और Fattah जैसे खतरनाक मॉडल शामिल हैं. अप्रैल 2024 में ईरान ने पहली बार सीधे इजरायल की ज़मीन पर हमला किया था, तब 300 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन दागे गए थे.
अब की बार भी मिसाइल बटन दबाना ही पहला विकल्प हो सकता है. लेकिन इसमें सिर्फ इजरायल ही नहीं, खाड़ी में मौजूद अमेरिकी ठिकाने भी निशाने पर आ सकते हैं.
2. प्रॉक्सी नेटवर्क: जंग सिर्फ तेहरान से नहीं लड़ी जाएगी
ईरान का सबसे खतरनाक हथियार है उसका प्रॉक्सी नेटवर्क. यमन में हूती, इराक की शिया मिलिशिया, गाज़ा की हमास, और लेबनान में हिजबुल्लाह. हालांकि हिजबुल्लाह पर हाल के इजरायली हमलों और आर्थिक प्रतिबंधों का असर पड़ा है, लेकिन अभी भी एक संगठित हमले की ताकत रखता है. Newsweek को दिए इंटरव्यू में एक हूती प्रवक्ता ने साफ कहा, ‘अगर ईरान बोलेगा, तो हम इजरायल पर हमला करने को तैयार हैं.’
3. होर्मुज की धमकी: ईरान एक बटन से दुनिया की तेल आपूर्ति बंद कर सकता है
20% से अधिक वैश्विक तेल सप्लाई होर्मुज की खाड़ी से गुजरती है. ईरान पहले ही कई बार इस गलियारे को बंद करने की धमकी दे चुका है. तेहरान के पास तेज हमला करने वाली नौकाएं, माइन, मिसाइल और पनडुब्बियां हैं जो यहां की नौवहन को कुछ घंटों में ठप कर सकती हैं.
जैसे ही इजरायल ने हमला किया, ग्लोबल ऑयल प्राइस में 10% उछाल आ गया. युद्ध भले क्षेत्रीय हो, लेकिन इसका असर वॉशिंगटन, लंदन, टोक्यो तक पहुंचेगा.
4. साइबर युद्ध: बिना गोली चलाए देश को अंधा कर देने की ताकत
ईरान का Mabna Institute और IRGC की साइबर यूनिट्स अमेरिका और इजरायल की कई वित्तीय और सैन्य संस्थाओं को पहले ही निशाना बना चुके हैं. हाल ही में ईरान ने दावा किया कि उसने इजरायल के न्यूक्लियर प्रोग्राम से जुड़े हजारों संवेदनशील दस्तावेज़ हासिल कर लिए हैं. तेहरान की नई रणनीति है: बिजली, पानी, इंटरनेट, और एयर डिफेंस सिस्टम्स को अंधा कर देना. ये हमला दिखेगा नहीं, लेकिन चौंका देगा.
5. न्यूक्लियर सरप्राइज: ‘हम नहीं बनाएंगे’ अब सिर्फ एक कूटनीतिक लाइन है
ईरान हमेशा से कहता रहा है कि उसका न्यूक्लियर प्रोग्राम शांतिपूर्ण है. लेकिन जैसे-जैसे हमले तेज़ हो रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है, ईरान के भीतर से आवाज़ें उठ रही हैं कि अगर ‘वजूद को खतरा’ हुआ, तो हथियार बनाना शुरू कर देंगे. तेहरान के वरिष्ठ सलाहकारों ने संकेत दिए हैं कि अगर प्रतिबंध वापस आए या देश को मिटाने की साजिश दिखे, तो हथियार-स्तरीय यूरेनियम का संवर्धन तेज़ कर दिया जाएगा. यानी जो इजरायल रोकना चाहता था, उसका उल्टा हो सकता है.
तो क्या यही है ईरान का ‘सरप्राइज एलिमेंट’?
जब एक देश के शहर बमों से जल रहे हों, उसके वैज्ञानिक मारे जा चुके हों, और दुनिया चुप बैठी हो तो वो देश या तो घुटने टेकता है या जंग छेड़ देता है. ईरान ने इतिहास में कभी घुटने नहीं टेके हैं. सरप्राइज एलिमेंट सिर्फ हथियार नहीं होता, बल्कि ‘इरादा’ होता है. और अभी ईरान के पास वो इरादा है जो मिसाइलों से ज़्यादा घातक है.
Edited by k.s thakur...




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