भिलाई में फिर पकड़ाए बांग्लादेशी, दोनों फर्जी दस्तावेजों के सहारे छिपे बैठे थे...

भिलाई में फिर पकड़ाए बांग्लादेशी, दोनों फर्जी दस्तावेजों के सहारे छिपे बैठे थे...


भिलाई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के छावनी थाना क्षेत्र से पुलिस ने मंगलवार को एक बांग्लादेशी पुरुष व महिला को अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी लंबे समय से भारत में असली पहचान छिपाकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे रह रहे थे।

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पिछले 6-7 महीनों से छावनी के कैंप-2 क्षेत्र में एक किराए के मकान में साथ रह रहे थे। छावनी पुलिस ने विदेशी अधिनियम, भारतीय पासपोर्ट अधिनियम और बीएनएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई की है।

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भारत में फर्जी दस्तावेजों से पहचान छिपाई..

आरोपी ने पूछताछ में अपना नाम मोहम्मद अली शेख निवासी बुधाखली, जिला दक्षिण 24 परगना (प. बंगाल) बताया है। महिला ने अपना नाम साथी शेख, संदेशखली, दक्षिण 24 परगना बताया। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान दोनों ने फर्जी नामों से पहचान पत्र बनवा रखे थे। दस्तावेजी जांच और मोबाइल डेटा विश्लेषण से उनकी असली पहचान उजागर हो गई।

2012 में भारत घुसा था बांग्लादेशी पुरुष..


पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी का वास्तविक नाम मोहम्मद अब्दुल रौब (48) है, जो जिला जेस्सोर, बांग्लादेश का मूल निवासी है। वह वर्ष 2012 में अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पार कर पश्चिम बंगाल पहुंचा था।

वहां उसने हुसैन शेख नामक व्यक्ति की बेटी से शादी कर भारतीय नागरिकता से जुड़े फर्जी आधार, पैन और वोटर कार्ड बनवाए। उसके बाद वह अलग-अलग राज्यों में छिपते-छिपाते रहने के बाद छत्तीसगढ़ के कैंप क्षेत्र में आकर बस गया।

2014 में भारत आई थी महिला..


महिला की पहचान साथी खातून सरदार, निवासी माटीकुमरा, जिला जेस्सोर, बांग्लादेश के रूप में हुई है। वह 2014 में अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई। अपने मामा अब्दुल रौब की मदद से भारतीय नागरिकता के फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए। वह करीब 7-8 महीने से छावनी के कैंप क्षेत्र में रह रही थी। बांग्लादेशी रिश्तेदारों से इंटरनेट कॉल के माध्यम से लगातार संपर्क में थी।

बरामद हुए बांग्लादेशी पासपोर्ट और प्रमाण पत्र..


छावनी पुलिस की जांच में दोनों के पास से बांग्लादेश की नागरिकता दर्शाने वाले दस्तावेज, बांग्लादेशी पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, फोटो परिचय पत्र और ग्रामीण बैंक के कागजात बरामद किए हैं। महिला व पुरुष दोनों के मोबाइल डेटा से भी यह पुष्टि हुई कि वे अपने रिश्तेदारों के संपर्क में थे।

सहयोगियों पर भी होगी कार्रवाई..


इस मामले में पुलिस उन लोगों की भी पहचान कर रही है, जिन्होंने इन दोनों बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में रहने, दस्तावेज बनवाने और मकान उपलब्ध कराने में मदद की। पुलिस ने कहा कि उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।

अब तक 7 बांग्लादेशी घुसपैठियों पर हो चुकी है कार्रवाई..


यह मामला छत्तीसगढ़ में बढ़ती अवैध घुसपैठ की चिंताओं को और पुख्ता करता है। दुर्ग जिले में विशेष कार्य बल (STF) का गठन कर बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान और निष्कासन की कार्रवाई की जा रही है। अब तक 7 बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा चुकी है। यह संख्या लगातार बढ़ रही है।






Edited by k.s thakur...





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