डिप्लोमेसी का पावरहाउस है यह छोटा सा देश, जिसके सामने 'झुका' अमेरिका, घर-घर में दिखती है रईसी...
Iran Israel ceasefire : मिडिल ईस्ट का एक छोटा सा देश डिप्लोमेसी का पावरहाउस कहलाता है. इस देश ने कई मौकों पर संघर्ष में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है. यह देश इतना प्रभावशाली है कि अमेरिका भी इसकी बात नहीं टाल पाता है. जीं हां, बात हो रही कतर की, जहां के शेख को एक फोन पर ईरान सीजफायर के लिए राजी हो गए.
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ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन तक चले युद्ध को रुकवाने कतर ने अहम भूमिका निभाई. कतर की मध्यस्थता से ही दोनों देश संघर्षविराम पर राजी हुए. कतर डिप्लोमेसी का पावरहाउस कहलाता है और कई मौकों पर मध्यस्थ की भूमिका निभाई है.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कतर के शेख को फोन करके बताया था कि इजरायल युद्धविराम के लिए सहमत है. उन्होंने ईरान को सीजफायर के लिए राजी करने का अनुरोध किया था. कतर के शेख के फिर ईरान को मनाया और जंग खत्म करवा दी. इससे पहले कतर ने 2023 में हमास के लड़ाकों के कब्जे से इजरायल के 250 नागरिकों को छुड़वाया था.
कतर ने ही मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान 15 से अधिक बंदी बच्चों को छुड़वाने में कतर अहम भूमिका निभा चुका है. कतर ने ही तालिबान को 2013 में अपने यहां ऑफिस खोलने की अनुमति दी थी. फरवरी 2020 को दोहा में अमेरिकी अधिकारियों और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच लंबे दौर की बैठक हुई थी. समझौते के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने सैनिक वापस बुला लिए थे.
हालांकि इस देश के पास सिर्फ 66 हजार सैनिक हैं. महज 30 लाख की आबादी वाला कतर के पास बहुत ज्यादा सैन्य उपकरण नहीं है. कतर के मूल निवासी सिर्फ 10% फीसदी लोग हैं. बाकी लोग बाहरी देशों से आकर यहां बस गए हैं. यहां पर भारतीयों भी बहुत बड़ी तादाद में रहते हैं. ज्यादातर शहरी इलाके हैं. सिर्फ 4% आबादी ही गांवों में रहती है. सिर्फ 50 हजार सैनिक हैं. 15 हजार की रिजर्व सेना है.
कतर के पास कोई न्यूक्लियर पावर नहीं
कतर में राजशाही है. अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी यहां के शासक हैं. उनकी गिनती दुनिया के सबसे अमीर राजनेताओं में होती है. उनके शासन में ही कतर ने आर्थिक प्रगति की. मिडिल ईस्ट देशों में शामिल कतर के पास कोई न्यूक्लियर पावर नहीं है. एक और हैरान करने वाला तथ्य यह भी है कि पाकिस्तान को छोड़कर किसी भी इस्लामिक देश के पास न्यूक्लियर बम नहीं है.
सैन्य उपकरणों की बात करें तो कतर के पास केवल 16 रॉकेट मिसाइल हैं. इसके अलावा, 87 हेलीकॉप्टर , 138 टैंक, 922 आर्म फाइटिंग व्हीकल और 205 एयरक्राफ्ट हैं. कतर के पास एक भी फाइटर एयरक्राफ्ट नहीं है. कतर के पास एयरक्राफ्ट कैरियर भी न्हीं है.
ट्रंप को गिफ्ट में दिया था ‘फ्लाइंग पैलेस’
कतर के अमीर शेख तामिन बिन हमद अल-थानी ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को 400 मिलियन डॉलर (3400 करोड़ रुपये) का बोइंग 747-8 प्लेन गिफ्ट किया था. यह किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति को मिलने वाला सबसे महंगा गिफ्ट था.
ट्रम्प कतर के दौरे पर आए थे. कतर के अमीर ने खुद ट्रम्प को दोहा एयरपोर्ट पर रिसीव किया था. दोनों देशों के बीच दोहा में 1.2 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 100 लाख करोड़ रुपये की अलग-अलग डील हुई थीं.
कतर क्यों निभाता है म्ध्यस्थ की भूमिका?
कतर ने खुद को एक तटस्थ देश के रूप में स्थापित किया है. कतर दुनिया के सबसे अमीर देशों में शुमार है. सभी खाड़ी देशों से अच्छे संबंध हैं. 11,581 वर्ग किलोमीटर में फैले कतर देश में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार हैं. इस देश की असली ताक इसकी आर्थिक ताकत है.
दुनियाभर के कई देशों में कतर ने भारी-भरकम निवेश कर रखा है. अमेरिका का सबसे बड़ा मिलिट्री बेस कतर में ही है. कतर हर देश से बातचीत को प्राथमिकता देता है और संबंधों को मजबूत बनाने में रुचि रखता है. फिर चाहे तालिबान हो या सुपर पावर अमेरिका. इस्लामी उग्रवादी समूह हमास हो या इजरायल.
Edited by k.s thakur...




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