ऑपरेशन सिंदूर: क्या होते हैं लोइटरिंग म्यूनिशन? बेंगलुरु में बने 'सुसाइड ड्रोन्स' ने पाकिस्तान में तबाही मचा दी...

ऑपरेशन सिंदूर: क्या होते हैं लोइटरिंग म्यूनिशन? बेंगलुरु में बने 'सुसाइड ड्रोन्स' ने पाकिस्तान में तबाही मचा दी...


नई दिल्ली. इंडियन ऑर्म्ड फोर्सेज की ओर से ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च होने के बाद अब पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया पहली बार इंडियन ड्रोन्स की ताकत भी देख रही है. पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले के लिए भारत ने लॉइटरिंग म्यूनिशन्स हथियारों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है. 

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इसमें बेंगुलुरु में बने अनमैंड एयरियल सिस्टम (Unmanned Aerial System) का भी इस्तेमाल किया गया है. भारत के ‘नागास्त्र-1’ आत्मघाती ड्रोन ने पाकिस्तान में अपनी ताकत दिखाई है.

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लोइटरिंग म्यूनिशन हथियार क्या होते हैं?

6-7 मई की आधी रात भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए बड़े पैमाने पर लॉइटरिंग म्यूनिशन्स यानी सुसाइड ड्रोन का इस्तेमाल किया. वहीं, पाकिस्तानी सेना की किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई का जवाबी हमला देने के लिए इन ड्रोन्स का उपयोग हुआ है. 

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इन ड्रोन्स ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर कई आतंकियों के अड्डे भी नष्ट कर दिए. ये ड्रोन्स टारगेट को खोजने,ट्रैक करने और विस्फोटक वारहेड के साथ सटीक हमला करने में सक्षम हैं. भारत के बेंगलुरु में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ये ड्रोन्स बनाए हैं.

बेंगलुरु के स्वदेशी लोइटरिंग म्यूनिशन
बेंगलुरु स्थित एक निजी कंपनी ने इजरायल की सैन्य प्रौद्योगिकी कंपनी के साथ मिलकर लोइटरिंग म्यूनिशन बनाए हैं. ये पूरी तरह स्वायत्त मानव रहित हवाई वाहन (UAS) हैं. ये निगरानी, लक्ष्य ट्रैकिंग और विस्फोटक वारहेड के साथ सटीक हमले करने में सक्षम हैं. ये कम रडार क्रॉस-सेक्शन, स्वायत्त और रिमोट-नियंत्रित ऑपरेशन शामिल होते हैं जिससे दुश्मन के एयर डिंफेस सिस्टम के लिए पता लगाना मुश्किल हो जाता है.

भारतीय सेना ने इनका उपयोग बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के मुख्यालय और मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के ठिकाने को नष्ट करने के लिए किया.

स्काईस्ट्राइकर: अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज (भारत) और एलबिट सिस्टम्स (इजरायल) के स्काईस्ट्राइकर लोइटरिंग म्यूनिशन ने भी आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में तगड़ी भूमिका निभाई. इस ड्रोन की रेंज 100 किमी है और यह अपने साथ 5 से 10 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जा सकता है. पहली बार स्काईस्ट्राइकर का उपयोग आंतकियों के खिलाफ हमले में किया गया है.



Edited by k.s thakur...




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