US-Iran War की आहट ! ट्रंप की दबाव नीति पर ईरान का पलटवार, डिएगो सैन्य अड्डे पर हमले का आदेश...
International Desk: ईरानी सेना ने अमेरिका द्वारा संभावित हमले से पहले ब्रिटेन के चागोस द्वीप समूह पर स्थित डिएगो गार्सिया सैन्य अड्डे पर पहले हमला करने की बात कही है। तेहरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडरों को इस सैन्य अड्डे को निशाना बनाने के लिए कहा गया है ताकि डोनाल्ड ट्रंप को ईरान पर हमला करने से रोका जा सके।
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उन्होंने कहा, "अमेरिकी बमवर्षक विमानों की तैनाती के बाद से इस अड्डे को लेकर चर्चाएं बढ़ गई हैं।" हाल ही में तीन B-2 स्पिरिट बमवर्षक विमानों को इस अमेरिकी-ब्रिटिश सैन्य अड्डे पर तैनात किया गया है। ये विमान सबसे उन्नत हवाई सुरक्षा को भेदने और बड़े स्तर पर तबाही मचाने में सक्षम हैं।
डिएगो गार्सिया ब्रिटिश स्वामित्व वाले चागोस द्वीप समूह का हिस्सा है, जिसे ब्रिटेन मॉरीशस को सौंपने की योजना बना रहा है। हालांकि, एक समझौते के तहत ब्रिटेन इस द्वीप को अमेरिका को£90 मिलियन प्रति वर्ष की लागत पर पट्टे पर देगा, जिससे अमेरिकी सैन्य अभियान जारी रहेंगे। ईरान समर्थकों का मानना है कि यह सैन्य अड्डा पहले ही ईरान के निशाने पर होना चाहिए था।
एक ईरानी विश्लेषक ने कहा, "यह मानना मुश्किल है कि ईरान ने 1990 के दशक से इस अड्डे पर मिसाइल हमले की योजना नहीं बनाई होगी। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो यह सैन्य नेतृत्व की बड़ी गलती होगी।" ईरान और अमेरिका के बीच तनाव तब और बढ़ गया जब डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति पद पर लौटते ही 'मैक्सिमम प्रेशर' नीति को फिर से लागू किया। उन्होंने ईरान पर परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए तेल निर्यात को शून्य करने का लक्ष्य रखा।
हाल ही में ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा,"अगर वे परमाणु समझौते को स्वीकार नहीं करते, तो वे ऐसी बमबारी देखेंगे जैसी पहले कभी नहीं हुई।" ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस पर जवाब दिया, "अगर अमेरिका या इजराइल हम पर हमला करते हैं, तो उन्हें बहुत कड़ा जवाब मिलेगा।" अब यह देखना बाकी है कि क्या यह बयानबाजी किसी वास्तविक टकराव में बदलती है या फिर दोनों देश कोई नया समझौता करते हैं।
Edited by k.s thakur...



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