Earthquake: भारत में बार-बार क्यों आ रहा भूकंप? एक्सपर्ट ने बताई ये वजह, आप भी हो जाएं अलर्ट...
पटना। भारत के विभिन्न राज्यों एवं पड़ोसी देश नेपाल में बार-बार भूकंप आने की प्रवृति ने लोगों में भय का वातावरण पैदा कर दिया है। बार-बार भूकंप आने का मुख्य कारण प्लेटों का खिसकना माना जा रहा है। वर्तमान में देश का प्रायद्विपीय भाग औसतन दो सेंटीमीटर की गति से प्रतिवर्ष हिमालय की ओर बढ़ रहा है।
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इससे हिमालय पर्वतमाला धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठ रहा है। पिछले 50 वर्षों में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में लगभग 0.7 मीटर की वृद्धि हुई है। 1970 के आसपास माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर मापी गई थी।
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पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में हो रहा बदलाव..
[ राजधानी के एएन कॉलेज के अवकाश प्राप्त शिक्षक एवं भूगोलवेता प्रो. नुपूर बाेस का कहना है कि पृथ्वी के चुबंकीय क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहा है। इससे प्लेटों में काफी हलचल देखा जा रहा है। पृथ्वी के आंतरिक भाग में हलचल होने का प्रभाव सतह पर भूकंप के रूप में देखा जा रहा है। गनीमत है कि छोटे-छाेटे भूकंपों के माध्यम से पृथ्वी के आंतरिक भाग में दबाव कम हो जा रहा है। ]
अगर लंबे समय तक कोई भूकंप नहीं आता है तो कोई बड़ा भूकंप भी आ सकता है, जिसे काफी तबाही मच सकती है। 1934 में बिहार में बहुत बड़ा भूकंप आया था, इससे प्रदेश में काफी नुकसान हुआ था। उसके बाद से बिहार के उत्तरी भाग यानी नेपाल में अक्सर भूकंप का आगमन हो रहा है। उसकी तीव्रता सामान्यत: पांच से लेकर सात के आसपास देखी जा रही है।
घरों के आसपास खाली जगह रखना जरूरी..
भूकंप की दृष्टि से शहरों में आवासीय परिसर के आसपास खाली जगह भरते जा रहे हैं। शहरों में अपार्टमेंट कल्चर का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ रहा है।
ऐसे में जरूरी है कि घरों के आसपास कुछ भाग खाली रखें, ताकि भूकंप आने पर घरों से बाहर निकलकर खाली जगह पर खड़ा हो सकें। तेज भूकंप आने पर सबसे ज्यादा खतरा अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को होता है।
सिंधू से लेकर ब्रह्मपुत्र तक मैदानी भाग..
- भारत में उत्तर में सिंधू नदी से लेकर गंगा एवं पूर्वोत्तर में ब्रह्मपुत्र नद तक के क्षेत्र को मैदानी भाग माना जाता है। यह भाग नदियों के गाद आदि से बना है, जबकि प्रायद्विपीय भाग अत्यंत कठोर है।
- भूकंप आने पर सबसे ज्यादा खतरा देश के मैदानी भाग को ही है। इस इलाके में जब भी तेज गति का भूकंप आता है, इमारतें भरभराकर गिरने लगती है। इससे जान-माल के नुकसान होने का खतरा रहता है।
Edited by k.s thakur...




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