पीएम मोदी से मिले एलन मस्क, किन तीन चीजों को लेकर भारत में दिलचस्पी दिखा रहे टेस्ला के CEO...

पीएम मोदी से मिले एलन मस्क, किन तीन चीजों को लेकर भारत में दिलचस्पी दिखा रहे टेस्ला के CEO...


नई दिल्ली। PM Modi And Elon Musk Meeting: पीएम मोदी ने अपनी दो दिनों की अमेरिकी यात्रा को पूरा कर लिया है। अमेरिका की यात्रा को दौरान पीएम मोदी ने गुरुवार को टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क के साथ भी मुलाकात की। इस मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर रही।

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स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क के साथ हाल ही में हुई मुलाकात ने काफी दिलचस्पी जगाई है। माना जा रहा है कि एलन मस्क भारत में अपने कारोबार का विस्तार करने की महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए पीएम मोदी से मिले। पीएम मोदी और एलन मस्क की मुलाकात ब्लेयर हाउस में हुई थी।

पीएम मोदी ने साझा की जानकारी..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलन मस्क से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। पीएम मोदी ने इस मुलाकात की तस्वीरों को भी साझा किया। पीएम मोदी ने लिखा, वाशिंगटन डीसी में एलन मस्क के साथ बहुत अच्छी बैठक हुई। हमने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें वे मुद्दे भी शामिल हैं, जिनके बारे में वह भावुक हैं, जैसे कि अंतरिक्ष, गतिशीलता, प्रौद्योगिकी और नवाचार। मैंने सुधार और ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ को आगे बढ़ाने की दिशा में भारत के प्रयासों के बारे में बात की।

मस्क के बच्चों से भी मिले पीएम मोदी..

ब्लेयर हाउस में पीएम मोदी से मिलने के लिए मस्क अपने बच्चों के साथ पहुंचे थे। पीएम मोदी ने इस दौरान उनके तीन बच्चों से भी मुलाकात की। पीएम मोदी के साथ इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल थे।

ट्रंप ने इस मुलाकात पर क्या कहा?

पीएम मोदी और एलन मस्क की मुलाकात पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने कहा कि मस्क की भारत में व्यापार करने में रुचि है, मुझे लगता है कि उन्होंने संभवतः इसलिए मुलाकात की होगी, क्योंकि आप जानते हैं कि वह एक कंपनी चला रहे हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

पीएम मोदी और मस्क की मुलाकात पर भारतीय विदेश मंत्रालय का भी बयान सामने आया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पीएम मोदी और एलन मस्क ने नवाचार, अंतरिक्ष अन्वेषण, एआई और सतत विकास में भारतीय और अमेरिकी संस्थाओं के बीच सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की। इसके साथ ही दोनों ने उद्यमिता और सुशासन पर भी बात की।

हालांकि, आपको जानना चाहिए ये सामान्य दिखने वाली मुलाकात कई मायनों में खास है। भारत को लेकर मस्क ऐसे ही नहीं दिलचस्पी दिखा रहें हैं। एलन मस्क तीन चीजों को लेकर भारत पर फोकस करने की योजना में हो सकते हैं। आइए आपको इनके बारे में बताते हैं।

भारत में स्टारलिंक को लेकर मस्क की इच्छा

एनडीटीवी ने समाचार एजेंसी एपी के हवाले बताया कि मस्क लंबे समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक रहे हैं और भारतीय बाजार में अपनी स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए उत्सुक हैं। हालांकि, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि भारत में स्टारलिंक के प्रवेश को विनियामक चुनौतियों, सुरक्षा चिंताओं जैसी घरेलू दूरसंचार दिग्गजों के विरोध का सामना करना पड़ा है।

बता दें कि पिछले साल नवंबर के महीने में भारत के दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि स्टारलिंक ने अभी तक सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं किया है। वहीं, सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद ही सैटेलाइट संचार सेवाओं के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा।

भारत के सैटेलाइट ब्रॉडबैंड बाजार में मस्क की रुचि

  • दिग्गज अमेरिकी उेद्योगपति एलन मस्क की भारत के अप्रयुक्त सैटेलाइट ब्रॉडबैंड बाजार में रुचि है। भारत का सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा बाजार अत्यधिक कंपीटेटिव है।
  • भारतीय ब्रॉडबैंड सेवा बाजार में कम से कम छह कंपनियां बाजार को नियंत्रित करती हैं। इसमें प्रमुख रूप से रिलायंस जियो शामिल है। मस्क के स्टारलिंक के लगभग 6,900 सक्रिय उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं, जो लगभग 4.6 मिलियन लोगों को अच्छी स्पीड वाला ब्रॉडबैंड इंटरनेट प्रदान करते हैं।
  • इस बीच माना जा रहा है कि एलन मस्क भारतीय बाजार में प्रवेश करना चाहते हैं। हालांकि, इसकी कीमत एक बड़ा मुद्दा बन सकती है। भारत में मोबाइल डेटा की दरें दुनिया भर में सबसे सस्ती हैं। भारत की कम से कम 40% आबादी अभी भी इंटरनेट तक पहुंच से वंचित है।

टेस्ला को लेकर भी इंतजार

पिछले कई सालों से एलन मस्क की कंपनी टेस्ला भी भारतीय बाजार में प्रवेश करने की राह देख रही है। चूकी भारत दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार है। हालांकि, वाहनों पर उच्च आयात शुल्क के कारण इसे बाधाओं का सामना करना पड़ा है। भारत का इलेक्ट्रिक बाजार अभी भी नया है, इसमें पिछले साल कुल कार बिक्री का केवल 2% हिस्सा बना था। हालांकि, सरकार की कोशिश है कि 2030 तक इस संख्या को 30% तक बढ़ाया जाए।





Edited by k.s thakur...



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