संविधान की आठवीं अनुसूची में संबलपुरी/कोसली भाषा को शामिल करने हेतु बरगढ़ सांसद प्रदीप पुरोहित ने दिया पत्र...

संविधान की आठवीं अनुसूची में संबलपुरी/कोसली भाषा को शामिल करने हेतु बरगढ़ सांसद प्रदीप पुरोहित ने दिया पत्र...


ओडिशा/बरगढ़ : बरगढ़ सांसद प्रदीप पुरोहित ने केंद्र गृह मंत्री अमित शाह को पत्र के माध्यम से लिखा है की ओडिशा के पश्चिमी क्षेत्र की प्रमुख भाषा, संबलपुरी/कोसली, को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने और इसे ओडिशा की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्रदान करने की दिशा में आकर्षित करना चाहता हूं।

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संबलपुरी/कोसली भाषा ओडिशा के 30 में से 11 जिलों में लगभग दो करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। यह एक प्राचीन और समृद्ध भाषा है, जो अद्वितीय मौखिक परंपरा और साहित्यिक विरासत का प्रतीक है। इस भाषा में रामायण, महाभारत, और भगवद गीता के रूपांतरण जैसे अद्वितीय साहित्यिक कृतियों का समावेश है। इसके साथ ही, पद्मश्री हल्धर नाग, श्री मित्रभानु गौंटिया, और श्री जितेंद्र हरिपाल जैसे सम्मानित व्यक्तित्व इस भाषा और संस्कृति को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।


संबलपुरी/कोसली भाषा पश्चिमी ओडिशा के लोगों की पहचान और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। 1 मार्च 2014 को, ओडिशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से इसे संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का औपचारिक अनुरोध किया था। दुर्भाग्यवश, इस दिशा में तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

इसलिए, बरगढ़ सांसद प्रदीप पुरोहित ने केंद्र गृह मंत्री अमित शाह को आग्रह किया है कि केंद्र सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 344 (1) और 351 के तहत संबलपुरी/कोसली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने और इसे ओडिशा की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्रदान करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएं। यह निर्णय न केवल पश्चिमी ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करेगा, बल्कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर उचित पहचान भी दिलाएगा।



Edited by k.s thakur...

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