बिहार में 9 करोड़ लोगों के 'दाना-पानी' पर खतरा! 55 हजार पीडीएस विक्रेता हड़ताल पर गए, जानिये क्या है मांग...
Bihar News: बिहार के 55 हजार से अधिक जन वितरण प्रणाली के विक्रेता हड़ताल पर चले गए हैं. वे अपनी पोस मशीन भी बंद रखेंगे। बता दें कि जन वितरण विक्रेता अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर आमरण अनशन कर रहे हैं। बता दें कि बिहार में डेढ़ करोड़ परिवार और करीब 9 करोड़ व्यक्ति पी़डीएस सिस्टम से जुड़े हैं।
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पटना. बिहार के पीडीएस डीलर अपने मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गये हैं. जन वितरण विक्रेता अपने पोस (POS-Point of Sale Machine) मशीनों को बंद रखेंगे और अनाज का उठाव भी बंद रखेंगे। जन वितरण केंद्रों के विक्रेताओं के हड़ताल पर जाने से खाद्यानों के वितरण मे परेशानी होगी और आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। वहीं, फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री दयानंद प्रसाद ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अनशनकारी अंबिका यादव का स्वास्थ्य गिरता जा रहा है जो चिंताजनक है। सरकार की तरफ मांग पर कोई पहल नहीं की जा रही है।
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बता दें कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जन वितरण विक्रेता पटना के गर्दनीबाग में आमरण अनशन पर हैं. फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन के महामंत्री वरुण सिंह ने बतलाया कि इस आंदोलन के समर्थन में आज से अनिश्चितकालीन पोस मशीन बंद रहेगा। विक्रेताओं की प्रमुख मांग है क एसएफसी गोदाम से विक्रेता के गोदाम तक बैग के वजन के साथ अनाज का पूर्ण वजन मिलना चाहिए।
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पीडीएस सिस्टम के विक्रेताओं की अन्य मांगों में अनुकंपा में उम्र सीमा समाप्त करना, सरकार द्वारा जन वितरण विक्रेताओं को दुकान संचालक करने के कार्य के लिए कम से कम 30000 प्रति माह मानदेय देने, जन वितरण विक्रेता के द्वारा केंद्र के संचालन के लिए दुकान का किराया और दुकान से जुड़ी स्टेशनरी और बाकी व्यवस्थाओं से जुड़ी वस्तुओं के लिए सरकार द्वारा एक उचित राशि प्रदान करने, पोस मशीन से जुड़ी किसी भी समस्या या मरम्मत के लिए विक्रेता को राशि मुहैया किये जाने की मांग शामिल है।
फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन के प्रदेश प्रवक्ता शशि कांत ने बताया कि सरकार पीडीएस डीलरों की मांग को अनसुनी कर रही है। पिछले कई महीनों से सरकार के सामने अपनी मांगों को लेकर गुहार लगाई है, लेकिन अब मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ा है। विक्रेता अम्बिका यादव पिछले 13 दिनों से आमरण अनशन पर हैं, पर सरकार ने कोई सुध नहीं ली है।
Edited by k.s thakur...





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