नेतन्याहू का जवाब नहीं! इजरायल के 120 सैनिकों ने उड़ा दी मिसाइल फैक्ट्री; महज तीन घंटे में ईरान की 5 साल की मेहनत हुई तबाह...
नई दिल्ली। Israel Attacks Missile Factory। इजरायल ने चार महीने पहले सीरिया में 'सर्जिकल स्ट्राइक' को अंजाम दिया, जिससे ईरान के पसीने छूट गए। दरअसल, ईरान ने सीरिया में एक मिसाइल फैक्ट्री का निर्माण किया था, जिसे इजरायली सेना ने तबाह कर दिया।
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इस सैन्य मिशन को इजरायल ने 'ऑपरेशन मेनी वेज' नाम दिया था। इस मिशन के तहत इजरायली वायुसेना के 120 एलीट कमांडो की एक स्पेशल यूनिट ने सीरिया में दाखिल होकर ईरान की मिसाइल फैक्ट्री को तबाह कर दिया।
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इजरायली सेना ने अनुसार, ईरान ने पश्चिमी सीरिया के मस्फया इलाके में पहाड़ खोदकर अंडरग्राउंड मिसाइल फैक्ट्री बनाई थी। यहां से मिसाइलें तैयार कर हिजबुल्लाह और असद की सेना को दिया जाता था।
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साल 2021 में बनकर तैयार हुई थी फैक्ट्री..
जानकारी के मुताबिक, साल 2017 में ईरान ने इस मिसाइल फैक्ट्री के निर्माण की शुरुआत की थी। साल 2021 में यह फैक्ट्री बनकर तैयार हो गया था। इस फैक्ट्री का लोकेशन काफी सोच समझकर तय किया गया था। यह सीरिया के पश्चिमी तट से 45 किलोमीटर दूर मौजूद था।
इजरायल ने किस तरह 'ऑपरेशन मेनी वेज' को दिया अंजाम?
इजरायली सेना ने मिसाइल फैक्ट्री की सारी जानकारी इकट्ठा करने के बाद मिशन को अंजाम देने का फैसला किया। इजरायली सेना ने इसे 'ऑपरेशन मेनी वेज' नाम दिया। वहीं, लेकेशन को 'डीप लेयर' नाम दिया गया। आईडीएफ ने जानकारी दी कि फैक्ट्री को तबाह करने का आइडिया कई साल पुराना था।
हालांकि, इजरायल हमास युद्ध के दौरान इस 'डिप लेयर' को तबाह करने की प्लानिंग बनने लगी। स्ट्राइक से दो महीने पहले यूनिट 669 के सैनिकों को 'डिप लेयर' को तबाह करने की ट्रेनिंग देने जाने लगी। ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए 8 सिंतबर का दिन चुना गया। शाम को शालडाग यूनिट के 100 कमांडो और यूनिट 699 के 20 सैनिक मिशन के लिए रवाना हुए।
वायुसेना के चार हेवी ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर CH-53 यासुर के जरिए इजरायल के एयरबेस से सीरिया की ओर रवाना हुए। दो लड़ाकू विमान, 5 ड्रोन और 14 जासूसी विमान भी साथ भेजे गए थे। वहीं, 20 विमानों को इजरायल ने स्टैंडबाय पर रखा था।
जब सीरिया में दाखिल हुए इजरायली सैनिक..
इसके बाद रडार से बचने के लिए हेलीकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ रहे थे। सीरिया में दाखिल होने के बाद हेलीकॉप्टर के साथ दूसरे विमान और ड्रोन्स अलग-अलग लोकेशन का टारगेट कर लगे। विमान से लोकेशन से उतरकर टीम दो हिस्सों में बंट गई।
टीम ने लोकेशन कवर किया और सुरंग की गेट पर मौजूद दो गार्ड को मार गिराया। अगले दो घंटों में इजरायली कमांडोज ने पूरी सुरंग में 300 किलोग्राम विस्फोटक बिछाकर मिशन को अंजाम दिया।
इसके बाद सुरंग में डेटोनेटर लगाए गए। इजरायली सेना ने महज तीन घंटे में ऑपरेशन को अंजाम दे दिया।कमांडो के हेलीकॉप्टर से वापस लौटने के बाद सुरंग में विस्फोट कर दिया गया इस ऑपरेशन में सीरिया के कई सैनिक और मिसाइल फैक्ट्री की देखभाल कर रहे 30 गार्ड भी मारे गए।
Edited by k.s thakur...





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