जलते हुए 2.5KM दौड़े 30 लोग, एक सीढ़ी ने बचाई जान; जयपुर हादसे की खौफनाक कहानी आई सामने...

जलते हुए 2.5KM दौड़े 30 लोग, एक सीढ़ी ने बचाई जान; जयपुर हादसे की खौफनाक कहानी आई सामने...


जयपुर। राजस्थान के जयपुर में हुआ भीषण सड़क हादसा अभी तक लोगों के दिमाग से नहीं उतर रहा है। इस हादसे में 14 लोग जिंदा जल चुके हैं। 30 से अधिक लोग झुलसे हैं। हादसे को दो दिन बीत चुके हैं। मगर दर्दभरी कहानियां लगातार सामने आ रही हैं। अब सामने आया है कि जलते हुए लोग खेतों में भाग रहे थे। सभी अपनी जान बचाने की कोशिश में जुटे थे। तभी एक परिवार ने उनकी मदद की। सीढ़ी के सहारे झुलसे हुए लोगों को अस्पताल तक पहुंचाया गया।

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आग का गोला बना पूरा इलाका..

शुक्रवार की सुबह जयपुर के भांककोटा इलाके में एलपीजी गैस टैंकर को एक ट्रक ने टक्कर मार दी। इसके बाद टैंकर से गैस का रिसाव शुरू हो गया। देखते ही देखते करीब 18 टन गैस पूरे इलाके में फैल गई। थोड़ी ही देर में एक जोरदार धमाके के साथ पूरा इलाका भीषण आग का गोला बन गया। लगभग 300 मीटर में मौजूद सभी वाहन और लोग इसकी चपेट में आए।
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किसान परिवार ने की पीड़ितों की मदद..
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक जयपुर-अजमेर हाईवे पर कुछ ही दूरी पर स्थित एक फार्महाउस में सभी लोगों को शरण मिली। दरअसल, आग से झुलसे लोग मदद की गुहार लगा रहे थे। तभी घर में रहने वाले लोगों ने अपने दरवाजे खोले तो उनके होश उड़ गए। घर के मुखिया भंवर लाल ने बताया कि पीड़ित पानी और कपड़े समेत दर्द को कम करने के लिए कुछ भी मांग रहे थे। पीड़ितों की खाल जल चुकी थी। बहुत मुश्किल से बोल पा रहे थे।

सीढ़ी की मदद से अस्पताल पहुंचाया..

नजदीक में ही कंडोई अस्पताल है। मगर वहां जाने का रास्ते खेतों से जाता है। अस्पताल की चारदीवारी लगभग आठ फुट ऊंची है। पीड़ितों के सामने सबसे बड़ी समस्या इस दीवार को पार करके अस्पताल तक पहुंचना था। आग से झुलसे लोगों में इतनी शक्ति नहीं थी कि वे इसे पार कर सके। किसान परिवार के सदस्य राकेश सैनी ने पीड़ितों की मदद की। उन्होंने एक सीढ़ी लगाई। राकेश ने पीड़ितों को सहारा देकर अस्पताल तक पहुंचाया। उन्होंने बताया कि करीब 30 लोगों को जलते हुए खेतों में भागते देखा। सभी दर्द से चिल्ला रहे थे।

टाइम्स ऑफ इंडिया को कंडोई अस्पताल के मालिक डॉ. रमन कंडोई ने बताया कि करीब 30 लोग बुरी तरह से झुलसे हुए अस्पताल पहुंचे थे। सभी दर्द से तड़प रहे थे। इसके बाद सभी का प्राथमिक इलाज शुरू किया गया।





Edited by k.s thakur...


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