Waqf Amendment Bill : JPC की बैठक में बवाल, निशिकांत दुबे और कल्याण बनर्जी के बीच नोकझोंक; ओवैसी सहित 10 सांसद सस्पेंड...

Waqf Amendment Bill : JPC की बैठक में बवाल, निशिकांत दुबे और कल्याण बनर्जी के बीच नोकझोंक; ओवैसी सहित 10 सांसद सस्पेंड...


पीटीआई,नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल पर बनी जेपीसी (JPC) बैठक में आज (शुक्रवार) हंगामा हो गया। असदुद्दीन ओवैसी और कल्याण बनर्जी समेत 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। विपक्षी सांसदों का आरोप है कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। हंगामा इतना बढ़ गया था कि मार्शल को बुलाने की नौबत आ गई।

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27 जनवरी तक बैठक स्थगित ..

निशिकांत दुबे ने कल्याण बनर्जी का विरोध किया। जेपीसी की बैठक 27 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई। वक्फ बिल पर जेपीसी की बैठक में नोकझोंक। टीएमसी के कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच नोकझोंक हुई।
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मीरवाइज के सामने विपक्ष ने हंगामा किया: निशिकांत दुबे..

हंगामे को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा,"विपक्ष, खासकर ओवैसी जी का मानना ​​था कि जम्मू-कश्मीर का पूरा प्रतिनिधित्व नहीं सुना गया, और चुने हुए प्रतिनिधियों को बुलाया जाना चाहिए था। आज की बैठक, जिसमें चर्चा होनी थी। विपक्ष के सुझाव के आधार पर अध्यक्ष ने स्थगित कर दी। लेकिन, मीरवाइज के सामने इन लोगों ने हंगामा किया, दुर्व्यवहार किया और संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ काम किया।" 
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बैठक में जो हो रहा वो आपातकाल की तरह: टीएमसी सांसद ..
वहीं, टीएमसी सांसद कल्याणा बनर्जी ने कहा, "हमने बार-बार 30, 31 जनवरी को बैठक आयोजित करने का अनुरोध किया, लेकिन हमारी मांग नहीं सुनी गई। जब हम कल रात दिल्ली पहुंचे, बैठक का विषय बदल दिया गया। पहले, हमें बताया गया कि बैठक खंडवार आयोजित की जाएगी।

टीएमसी सांसद ने आगे कहा,"बैठक में जो हो रहा है, वह अघोषित आपातकाल की कार्यवाही की तरह है। वे दिल्ली चुनावों के कारण चीजों को जल्दी करने की कोशिश कर रहे हैं।यह राजनीति से प्रेरित है। अध्यक्ष किसी की नहीं सुनते। यह 'जमींदारी' की तरह है। वे विपक्षी सदस्य होने का कोई सम्मान नहीं करते। यह जेपीसी एक तमाशा बन गया है।"

'कल्याण बनर्जी ने बैठक में गलत भाषा का इस्तेमाल किया'..

भाजपा सांसद और संयुक्त संसदीय समिति की सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि " बैठक के दौरान कल्याण बनर्जी के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं ने जेपीसी अध्यक्ष जगदम्बिका पाल के खिलाफ बहुत असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। हम इसकी निंदा करते हैं। हम चाहते हैं कि बैठक हो, लेकिन साथ ही, जेपीसी अनंत काल तक जारी नहीं रह सकती। पूरी चर्चा समाप्त होनी चाहिए।

अपराजिता सारंगी ने आगे कहा,"सरकार द्वारा हम सभी के सामने 44 संशोधन रखे गए हैं और इन सभी संशोधनों पर कई बार विचार-विमर्श किया गया है। अब, अध्यक्ष चाहते हैं कि ये दोनों संगठन अपने विचार रखें।"





Edited by k.s thakur...

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